Thursday 1 September 2011

एमडीयू में हॉस्टल को लेकर बवाल

रोहतक. एमडीयू में बने नए हॉस्टल को लेकर विवाद हो गया है। छात्रों का आरोप है कि हॉस्टल निर्माण में निम्न स्तरीय सामग्री प्रयोग की गई है। यही कारण है कि करोड़ों रुपया खर्च किए जाने के बाद भी इन हॉस्टलों की हालत खस्ता बनती जा रही है। इस मुद्दे को लेकर छात्रों में रोष पनप रहा है।

एमडीयू के लगभग सभी विभाग न्यू कैंपस में शिफ्ट हो चुके हैं। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए इस कैंपस में करीब आधा दर्जन हॉस्टल बनाए गए थे, जिनके निर्माण पर करोड़ों रुपया खर्च किया गया था। एमडीयू प्रशासन ने इसका ठेका एक बड़ी कंपनी को दिया था। विद्यार्थियों का आरोप है कि कंपनी अधिकारियों ने हॉस्टल निर्माण में निम्न स्तरीय सामग्री का इस्तेमाल किया है। हॉस्टल शुरू हुए अभी दो माह भी नहीं हुए हैं कि बारिश का पानी छत से चू रहा है। दीवारों से प्लास्टर की पपड़ी उखड़ना शुरू हो गई है।

विद्यार्थी शुरू दिन से ही हॉस्टल की हालत के बारे में एमडीयू प्रशासन से शिकायत करते चले आ रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को सभी हॉस्टलों के छात्र भड़क गए और एमडीयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। घटना की जानकारी पाकर वीसी आरपी हुड्डा और चीफ वार्डन प्रो. एसएस चाहर मौके पर पहुंचे।

इन अधिकारियों को देखते ही छात्रों ने नारेबाजी और तेज कर दी। उन्होंने इन अधिकारियों को घेर लिया। इस दौरान छात्रों और वीसी के बीच जमकर सवाल-जवाब हुए। छात्रों ने आरोप लगाया कि कमिशन के चक्कर में प्रशासन ने अपने चहेतों को हॉस्टल निर्माण का कार्य सौंपा था।

इन ठेकेदारों ने मुनाफे के चक्कर में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर दिया। हैरानी की बात तो यह है कि हॉस्टल निर्माण में प्रयोग की गई सामग्री की किसी ने जांच तक नहीं की। हॉस्टल शुरू होते ही ठेकेदारों की पोल खुल गई। छात्रों का उग्र रूप देखकर वीसी मौके से चले गए। छात्रों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि इस मामले की जांच नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे।

शौचालयों का है बुरा हाल
हॉस्टल के शौचालयों का आकार काफी छोटा है। यहां लगी शीट और वॉश बेसन पूरी तरह से टूट चुके हैं। इतना ही नहीं, फ्लश भी खराब हो गए हैं। ऐसे में छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों ने जब वीसी को इसकी शिकायत दी तो उन्होंने कहा कि शौचालयों का निर्माण विदेशी तर्ज पर किया गया है। वीसी का यह बयान छात्रों को हजम नहीं हुआ।

छात्रों ने कहा कि हॉस्टल का मैस भी काफी छोटा है। इस कारण यहां पर कर्मचारी सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे हैं। खाद्य सामग्री रखने के लिए भी यहां पर्याप्त जगह नहीं है, जिस कारण यह सामग्री खराब हो रही है। उन्होंने बताया कि मैस में कर्मचारियों का भी टोटा है।

नए हॉस्टलों में कमरे और शौचालय काफी छोटे हैं। इस कारण छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे को लेकर जल्द ही सभी वार्डन और एक्सइएन के साथ मीटिंग की जाएगी, जिसमें इन परेशानियों के समाधान पर विचार किया जाएगा। -प्रो. एसएस चाहर चीफ वार्डन, एमडीयू
source:-bhaskar.com

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