Thursday 30 June 2011

ऐसा करके बॉक्सर विजेन्द्र ने अपने घर खुद बुलाई मुसीबत

भिवानी. शादी के रिसेप्शन कार्ड पर अशोक स्तंभ छपवाने के मामले में पुलिस ने बाक्सर विजेंद्र के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। सदर थाना पुलिस ने यह कार्रवाई पीपल फार एनिमल नाम की संस्था के अध्यक्ष अभिषेक कादयान की तहरीर पर की है।
काबिलेगौर है कि पिछले महीने 25 मई को बाक्सर विजेंद्र की शादी थी। 26 मई को विजेंद्र के गांव कालूवास में रिसेप्शन पार्टी थी। निमंत्रण पत्रों के पहले पन्ने पर राष्ट्रीय चिह्न् अशोक स्तंभ छपवाया गया था। चूंकि अशोक स्तंभ देश का राज चिह्न् है और इसका प्रयोग राष्ट्रपति सहित कुछ चुनिंदा लोग ही कर सकते हैं, इसलिए विजेंद्र का ऐसा करना कानूनन आपराधिक कृत्य था। इसी आधार पर अभिषेक कादयान ने विजेंद्र के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी।
पुलिस ने जांच के बाद बुधवार रात विजेंद्र और कार्ड में छपे अन्य नाम वाले व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने विजेंद्र के खिलाफ भारतीय राज चिह्न् अधिनियम 1950 की धारा लगाई है। शिकायतकर्ता अभिषेक कादयान का कहना है कि उनकी लड़ाई कानून को लेकर है, जो सबके लिए समान है। इस बारे उन्होंने गृह मंत्रालय को भी शिकायत कर रखी है।
हो सकती है तीन महीने की सजा और जुर्माना
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक स्तंभ के चिह्न् का इस्तेमाल कर सकते हैं। भारतीय राज चिह्न् अधिनियम में राज चिह्न् के दुरुपयोग पर 3 महीने की सजा या 5 हजार रुपए जुर्माने या फिर दोनों का भी प्रावधान है।
source:-bhaskar.com

डीजल की ‘आग’ से झुलसी घर-घर की रसोई

बल्लभगढ़. डीजल के मूल्यों में इजाफे का असर अब धीरे-धीरे खाद्य पदार्थो पर दिखाई देने लगा है। सब्जियों व फलों के थोक और खुदरा भाव में भी तेजी आई है।

बढ़ती महंगाई से गरीबों के लिए दाल-रोटी जुटाना अब और मुश्किल हो जाएगा। थोक से लेकर खुदरा बाजारों तक वस्तुओं की ढुलाई पेट्रोल व डीजल से चलने वाले वाहनों से होती है। डीजल के मूल्यों में बढ़ोतरी से एक सप्ताह के भीतर ही महंगाई बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं।

फलों के दामों में हुई बढ़ोतरी

फलों के दामों में पिछले एक सप्ताह से भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। केले के दाम 20 रुपए से बढ़कर 30 रुपए प्रति दर्जन हो गए हैं। सेब का भाव 110 रुपए से बढ़कर 140 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। पपीता का भाव 15 रुपए से बढ़कर 30 रुपए प्रति किलो हो गया है। आम के दाम में भी 10 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है। दशहरी आम की कीमत 20 रुपए से बढ़कर 30 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है।

सब्जियों के दाम भी बढ़े

आसमान छूती सब्जियों के दामों ने गृहणियों की रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। सब्जी मंडी में प्याज के भाव में 3 रुपए प्रति किलो की वृद्धि हुई है। प्याज इस समय 12 रुपए से बढ़कर 15 रुपए किलो बिक रहा है। आलू के भाव में 2 रुपए किलो का इजाफा हुआ है। रिटेल मंडी में आलू 10 से 15 रुपए किलो में बेचा जा रहा है। सबसे ज्यादा टमाटर के भावों में बढ़ोतरी हुई है।

टमाटर का भाव 28 रुपए से बढ़कर 40 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। वहीं खीरा 10 रुपए से बढ़कर 12 रुपए किलो पर पहुंच गया है। हरी मिर्च 40 रुपए से बढ़कर 45 रुपए किलो पर पहुंच गई हैं। हालांकि हरी सब्जियों पर पेट्रोल-डीजल के मूल्य में वृद्धि का अभी कोई खास असर नहीं हो रहा है।

क्या कहते हैं फल व सब्जी विक्रेता

बल्लभगढ़ मंडी में फलों के आढ़ती एमआर अरोड़ा ने बताया कि बल्लभगढ़ में अधिकांश फल दिल्ली आजादपुर मंडी से ही आते हैं। डीजल के रेट बढ़ने पर फलों के दामों में वृद्धि होना लाजिमी है। आढ़ती राकेश कुमार का कहना है कि फलों की आवक में कमी के कारण भी इनके रेटों में बढ़ोतरी हुई है।

सब्जी मंडी के प्रधान धर्मपाल यादव का कहना है कि डीजल के मूल्य में तेजी का असर सब्जियों पर पड़ रहा है क्योंकि ज्यादातर सब्जियां ग्रामीण क्षेत्रों से ट्रक, पिकअप व ऑटो आदि में आती हैं। उनका कहना है कि कुछ सब्जियों के उत्पादन में कमी के चलते भी इनके दामों में वृद्धि हुई है। उनका कहना है कि सरकार को डीजल के दामों को कम करना चाहिए ताकि आम आदमी को कम से कम दो वक्त की रोटी आराम से मिल सके।

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हिसार में 1052 चवन्नी बैंक में जमा

हिसार. पूरे देश में गुरुवार को चवन्नी युग का अंत हो गया। रेड स्क्वेयर मार्केट स्थित भारतीय स्टेट बैंक में जिले के सिर्फ एक व्यक्ति ने 1052 चवन्नियां जमा कराईं और 263 रुपए लेकर चला गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने चवन्नी जमा कराने के लिए पहले ही अंतिम तिथि घोषित की थी। शहर में वैसे तो तमाम बैंक हैं, लेकिन किसी ने भी अन्य बैंक में चवन्नियां जमा नहीं कराईं।

फिर वह चाहे रेड स्क्वेयर मार्केट स्थित यूनियन बैंक, सिंडीकेट बैंक की बात हो या फिर यूको बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एक्सिस बैंक की। इसी के साथ अब चवन्नी ‘चांद’ हो गई है। अब चवन्नी केवल लोगों की चर्चाओं में रहेगी कि उनके जमाने में चवन्नी की क्या कीमत थी। उससे वह क्या-क्या खरीदते थे।

‘चवन्नी में लेते थे दो किलो दूध’

शहर के छबीलदास चौक के 72 वर्षीय ओम प्रकाश बताते हैं कि वह अपने बचपन में कैटल फार्म से चवन्नी में दो किलो दूध लेते थे। कटला रामलीला मेले के लिए अगर उन्हें चवन्नी मिल जाती थी तो वह भर पेट
चीजें खाते थे। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों की महिलाएं परंपरागत रूप से चवन्नी का प्रयोग नवजात शिशुओं को नजर से बचाने के लिए करती हैं।

जन्म के बाद शिशु के गले में काले धागे के साथ चवन्नी बांध दी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इससे उनका शिशु स्वस्थ रहता है। ऐसे में चवन्नी का चलन बंद होने के बाद भी कुछ लोगों ने इसे सहेज कर भी रखा है।
शहर के प्रसिद्ध ज्योतिषी राजेंद्र प्रसाद कौशिक बताते हैं कि चवन्नी का कोई विशेष मसला नहीं हैं। दरअसल, चवन्नी आकार में छोटी, बांधने में सुविधाजनक और बच्चों को चुभती नहीं थी। इसके चलते मान्यता के अनुसार इसका प्रयोग ज्यादा किया गया।

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कार ने तीन लोगों को रौंदा, एक की मौत

हिसार. ठंडी सड़क स्थित सोहन सिनेमा के सामने गुरुवार शाम करीब चार बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ। एक बेकाबू एस्टीम कार दुकान के बाहर चाय पी रहे तीन लोगों पर चढ़ गई। हादसे में 45 साल के सुनील की मौत हो गई जबकि दो लोग घायल हो गए। घायलों में भारत नगर का 50 वर्षीय प्रकाश सिंह और यूपी का 26 वर्षीय बनवारी लाल शामिल हैं।

कार चालक सहित दो लोग मौके से फरार हो गए और एक बच्चे को कार में ही छोड़ गए। आसपास के लोगों ने घायलों को कार के नीचे से निकाला और अस्पताल पहुंचाया। हादसे में मारा गया सुनील रिक्शा चालक था और डबल फाटक के पास चूना भट्टी के पास रहता था। आरोपी चालक रोहतक का रहने वाला राजेश बताया जाता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

घायल प्रकाश सिंह और बनवारी लाल ने बताया कि वह अक्सर रमेश टी स्टाल पर चाय पीने आते हैं। गुरुवार को चाय पीने के लिए दुकान पर आए। हाथ में चाय का कप लिए दुकान के बाहर बैठे टीवी देख रहे थे। इतने में तेज गति से एक कार आई। इससे पहले कुछ समझ पाते कार ने सीधी टक्कर मार दी और घसीटते हुए थोड़ी दूर ले गई। जिससे वे जख्मी हो गए।

प्रत्यक्षदर्शी अनिल और मुकेश के अनुसार कार की रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटा के करीब रही होगी। देखते ही देखते गाड़ी ने तीन लोगों को रौंद दिया। उनके चीखने-चिल्लाने की आवाजें आईं। इतने में कार में से उतरे दो व्यक्ति सब्जी मंडी की तरफ भाग गए। आसपास के लोगों की सहायता से गाड़ी के नीचे फंसे तीनों लोगों को निकाला गया और सिविल अस्पताल ले गए। जहां एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया।

बच्चे को गाड़ी में छोड़ भागे

एस्टीम कार में दो लोगों के अलावा करीब तीन साल का एक बच्चा भी था। घटना के बाद दोनों व्यक्ति भाग निकले। उन्होंने यह भी नहीं देखा कि उनके साथ बैठे बच्चे की हालत क्या है। लोगों ने बच्चे को कार से निकाला। बच्चा घबराया हुआ था। डेयरी में रहने वाला युवक मुकेश बच्चे को अंदर ले गया। उसे पानी पिलाया। थोड़ी देर बाद जब उससे पूछा गया तो उसने अपना नाम तो नहीं बताया पर उसने लोगों को बताया कि उसके पापा राजा गाड़ी चला रहे थे।

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Wednesday 29 June 2011

भारी वर्षा से यमुना में उफान, 72 घंटों में दिल्ली पहुंच जाएगा पानी

यमुनानगर. प्रदेश में हो रही बरसात के कारण यमुना के कैचमेंट एरिया में यमुना का जलस्तर बुधवार सुबह 7 बजे बढ़ना शुरू हो गया। इसके साथ ही यमुना की सहायक नदी बाता का पानी भी यमुना में आ गया। इस वजह से यमुना में जलस्तर 18 हजार से बढ़ कर 1 लाख क्यूसिक हो गया है।

नदी के कैचमेंट एरिया से मिली जानकारी के मुताबिक जलस्तर का बढ़ना जारी है। बाढ़ के खतरे के कारण हथनीकुंड बैराज से नहरों को पानी की सप्लाई रोक दी गई है। शिवालिक की पहाड़ियों से निकलने वाली सोम, पथराला, उर्जनी नदियों व नागल ड्रेन में भी बाढ़ आ गई है।

नदी में डाल दिया पानी

जैसे ही यमुना नदी का 70 हजार क्यूसिक पानी क्रास करता है, तो यमुना नहर बंद कर दी जाती है। सारा पानी नदी में ही छोड़ दिया जाता है। इतना ही नहीं नदी में स्थित हाइडल भी बंद कर दिए गए हैं। जब तक पानी का स्तर 70 हजार से कम नहीं हो जाता। तब तक पानी नदी में ही छोड़ा जाएगा।

रात में और बढ़ सकता है पानी

हथनीकुंड में भले ही पानी का स्तर एक लाख क्यूसिक बना हो लेकिन आगे यह और ज्यादा हो सकता है। इसका कारण यमुना नदी में बिलासपुर से सोमनदी व चतंग नदी का पानी दादुपुर के पास मिलता है। इससे इस पानी को हथनीकुंड में रिकार्ड नहीं किया जाता। यमुना का यह जलस्तर पानीपत में रिकार्ड किया जाता है।

72 घंटे में पहुंच जाएगा दिल्ली

बाढ़ का यह पानी अगले 72 घंटों में दिल्ली पहुंच जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार रात में भी बारिश होने की संभावना है। इस कारण यमुना का जलस्तर और अधिक बढ़ सकता है और यमुनानगर, करनाल, पानीपत व सोनीपत में बाढ़ के आसार बन सकते हैं। हथनीकुंड बैराज के कंट्रोल रूम प्रवक्ता ने बताया कि पानी को लेकर हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

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Climate District-HISAR

The climate of Hisar owes to its continental location on the outer margins of the south-west (SW) monsoon region. It has tropical monsoonal climate and is characterized as arid type of climate. The district has characteristically four seasons during the year viz., Summer (March to May), SW Monsoon (June to September), Post-Monsoon (October to November) and Winter (December to February) season. SW monsoon also known as summer monsoon brings rain during last week of June to mid-September. The period from October onward until next June remains almost dry except, few light showers received due to westerly depressions/western disturbances (WDs). The summers are generally quite hot and winters are fairly cool. The main characteristics of climate of in the district are its dryness, extremes of temperature and scanty rainfall.
Rainfall: Around 75 to 80 per cent of the annual rainfall is received during SW Monsoon season (June to September) with 50 per cent coefficient of variation (CV). The average annual rainfall is around 450 mm, of which the average monthly rainfall received during July and August months is 133.4 and 116.2 mm, respectively. The average monthly rainfall during September is 54.5 mm and June 49.8 mm. The average rainfall received during monsoon season is around 354 mm. The annual highest rainfall of 793.6 mm was recorded in 1976 and the lowest of 145.2 mm in 2000. About 10 to 15 per cent of the total annual rainfall is during the winter season which is caused due to WDs. The average number of rainy days (day with rainfall = 2.5 mm is called a rainy day) per annum are 27±5 days out of which 19 falls during SW Monsoon period. The highest number of rainy days occurs during the months of July and August and lowest during November and December.
Temperature: Air temperatures during summer are quite high at Hisar, the maximum value of which touched 48.3°C in May, 1944. However, with the onset of summer monsoon, the temperature ameliorates and falls in the vicinity of 35.0°C. The lowest temperature recorded at Hisar is -3.9°C which occurred in January, 1929. The sub-zero temperatures (frost conditions) are not uncommon during winter season. The maximum temperature in summer months between 40 to 44°C and the minimum temperature between 4 to 6°C in winter months are normal for the place. The annual average maximum and minimum temperature at Hisar is 31.5 and 16.2°C, respectively. Humidity: The April and May constitutes the driest period in the year since the lowest relative humidity is recorded during this period. The relative humidity increases with the onset of monsoon during the first week of July and which again falls with the withdrawl of monsoon after mid-September onward. During winter months, relative humidity remains significantly high. Relative humidity varies from 5 to 100 per cent during the year at Hisar
Sunshine: October to April are generally sunny months receiving more than 70 per cent of the total possible sunshine hours. February to May and September to December months receive an average of more than 8 hours per day of bright sunshine. Whereas, January ,July, August and December recorded little less sunshine viz., 6 to 7 hours per day because of cloudiness due to rain bearing weather systems.
Winds: Monthly mean wind speed values are varying between 4 and 10 kms per hour. The North-Westerly cold winds prevail in the months of December, January and February. The prominent prevailing wind directions are Westerly, North-Westerly, South-Westerly and South-Easterly. A hot and dry South-westerly wind (Loo) also prevails in May and June months.
Evaporation: Evaporation during the summer months remains above 12 mm/day. However, during rainy and winter seasons, average value of evaporation remains around 6.8 and 4.0 mm/day, respectively. The maximum rate of evaporation was also recorded 25.6 mm/day under Hisar conditions.
Dew: The highest amount of dewfall is observed in December and January, whereas, lowest in April and November months. Occurrence of dew takes place during September to April. The total seasonal amount of dewfall is around 25.0 mm.
Special weather phenomenon: Occasionally dust-storms are experienced during summer months and hail-storms during February to April. Fog prevails generally in December and January months. Thunder-storms also occur during post monsoon season and summer months.

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List Of Offices Located in District Administrative Complex (Mini Secretariat) HISAR

1. Commissioner, Hisar Division.
2. District & Sessions Judge.
3. District Attorney.
4. Deputy Commissioner.
5. City Magistrate
6. Special Collector.
7. Executive Magistrate
8. Distt. Revenue Officer.
9. D.D.& P.O
10. Tahsildar
11. S.D.O ( C )
12. Distrcit Employment Officer.
13. Treasury Officer.
14. State Bank of India.
15. Post Office.
16. District Social Welfare Officer.
17. Superintendent of Police.
18. Addl. Deputy Commissioner.
19. Planning Officer.
20. D.R.C.S
21. A.R.C.S
22. Asstt. Director, Regional Repository Archives Deptt.
23. Manager, Coop. Bank.
24. District Informatic Officer. NIC
25. Tahsildar Election.
26. Dy. Controller Civil Defence.
27. D.E.T.C ( Sales Tax )
28. D.E.T.C ( Excise )
29. D.F.S.C
30. President, District Consumer Forum.
31. Deputy Labour Commissioner.
32. Labour Officer.
33. Asstt. Director Industrial Safety & Health.
34. Presiding Officer, Labour Court.
35. Joint Excise & Taxation Commissioner ( Appeal )
36. Dy. Director Agriculture.
37. Asstt. Plant Protection Officer.
38. Asstt. Agriculture Engineer.
39. S.D.O Agriculture.
40. G. M. DIC
41. Dy. Director Animal Husbandry.
42. Fisheries Officer.
43. Mining Officer, Deptt of Nines & Geology.
44. District Welfare Officer
45. Sr. Town Planner.
46. District Town Planner.
47. District Town Planner ( Enforcement )
48. P.O ICDS Cell.
49. District Statistical Officer.
50. D.P.R.O
51. District Commandant Home Guards.
52. District Education Officer.
53. District Primary Education Officer.
54. B.D & P.O Hisar - I
55. B.D & P.O Hisar – II
56. Lady Cirlce Supervisor.

LIST OF OFFICES MODEL TOWN SIDE
1. XEN District Manager, Food Corp of India (GO I )
2. Secretary R.T.A
3. Joint Director Agriculture ( Zonal )
4. XEN Electrical Division PWD
5. XEN Electrical Inspectorate
6. Superintendent Central Jail.
7. District Probation Officer
8. Manager, Flamingo
9. S.E Public Health Circle
10. XEN Public Health Division No-I
11. XEN Public Health Division No-II
12. District Manger, Haryana Finance corp.
13. XEN CADA
14. M.D DHBVN Ltd.
15. Principal ITI
16. District Dairy Dev Officer.
17. Administrator HUDA
18. Estate Office HUDA
19. S.E. HUDA
20. XEN HUDA Divn. I
21. XEN HUDA Divn. II
22. XEN HUDA Horticulture
23. XEN HUDA Electrical.
24. Secretary, Zila Sanik Board.
25. Secretary Red Cross
26. Director, Doordarshan (GO I )

LIST OF OFFICES LOCATED MARKET SIDE
1. District Manager, CONFED.
2. M.D Central Coop. Bank.
3. G.M. Cooperative Store.
4. O.C No- I Air Sqn NCC.
5. Asstt-Director Weights & Measures.
6. Superintendent of Post Office (GO I )
7. Divisional Manager Telcom ( GO I )
8. Chief Superintendent G L F.
9. Mech. Engineer , G L F.
10. G.M Haryana Roadways.
11. G.M Haryana Roadways ( Central Workshop )
12. Lead Bank Officer, PNB.
13. Civil Surgeon.
14. Principal Medical Officer.
15. Distt. Family Welfare Office.
16. Biologist Urban Malaria Scheme.
17. DSP CM Flying Squad.
18. Dy. Director Wool Grading Centre.
19. Registering Officer, Archeology & Museums Deptt.
20. Manager, HLRDC.
21. Managing Director HLRDC
22. Fire Officer, Fire Brigade.
23. S.E HSAMB.
24. XEN. HSAMB.
25. XEN Electrical HSAMB
26. District Marketing Enforcement Officer.
27. Secy, Market Committee.
28. Chairman Market Committee.
29. Manager, Central Warehousing Corp Near Anaz Mandi. (Go I )
30. Regisional Manager, Haryana Seed Dev Corp.
31. Distt. Manger, AGR.
32. Regional Manager, Haryana State Industrial Dev Corp.
33. CEO F. F .D .A.
34. Principal Agriculture Research Trg. Institute.
35. Manager, Blue Bird.
36. Voice Chancellor, G. J. U
37. Registrar G. J.U
38. Principal Regional Engineering College.
39. S.P. Vigilance.
40. Commandant 3rd BN HAP
41. Conservator of Forest.
42. Divisional Forest Officer ( SF)
43. Divisional Forest Officer ( Territorial )
44. Regional Manager , Haryana Forest Devl Corp.
45. Conservator of Forest ( Community )
46. Divl. Forest Officer ( Community )
47. Incharge, Airport.
48. Commandant EBS (GO I )
49. Commandant BSF (GO I )
50. Director Central Institute For Research
51. Director National Research Centre on Equines ( GO I )
52. Central State Farm. ( GO I )
53. Director T.T. C ( GO I )
54. Director Central Forage Production Centre ( GO I )
55. Director Central Sheep Breeding Farm ( GO I )
56. Project Director Cattle Breeding Project.
57. Asstt. Director Hatcheri Sirsa Road.
58. Incharge Govt. Piggary Farm.
59. Sector Supdt- I GLF
60. Sector Supdt- II GLF
61. Sector Supdt- III GLF
62. Office Incharge Welfare Centre For Hearing
63. Incharge Archieve Deptt ( GO I ) Near Gujari Mehal  

LIST OF OFFICES ( OLD COURT SIDE)
1. Headmaster, Patwar Training School.
2. Tehsildar Sales.
3. Supdt. Borstal Jail, Hisar
4. Project Officer, DPEP, Hisar
5. XEN Pollution Control Board. Kothi No- 73, Sector 15 A
6. Joint Excise & Taxation Commissioner, Hisar Range, 182 Sector 15 A
7. Distt. Manager, Haryana SC Finance & Dev corp, Sector 15 A
8. Distt. Manager, Hr. BC & Weaker Section Klayan Nigam. 41 Bishnoi Colony, OPP HAU Gate.
9. District Manage Haryana Women Dev. Corp G.NO.I Jawahar Nagar.
10. C.D.P.O Hisar- II
11. District Manager, Haryana warehousing Corp 472, Sector 15 A
12. District Ayurvedic Officer, 96 Friends Colony.
13. Hydrologist, Ground Water Cell, G. MP.II Jawahar Nager.
14. District Horticulture Officer.
15. Chief Seed Certification Officer, 172 Lajpat Nagar.
16. Distt. Manager, Haryana Khadi Board B&R Colony
17. XEN Public Health Division III
18. Asstt. Soil Convervation Officer Patel Nagar.
19. District Manager, PLDV Lajpat Nagar, Hisar.
20. Zonal Malaria Officer, Lajpat Nagar.
21. Secretary Improvement Trust.
22. Director Research Lab PWD.
23. XEN Construction Division ( NH- 65 ) PWD
24. S.E ‘ OP’ Circle , DHBVN Ltd.
25. XEN ‘OP’ Division No –I DHBVN Ltd.
26. XEN ‘OP’ Division No –II DHBVN Ltd.
27. XEN Work DHBVN Ltd.
28. S.E PWD B & R Circle.
29. XEN Provl. Divn. No- I PWD B&R
30. XEN Provl. Divn. No- II ( NH- 10) PWD B&R
31. XEN Provl. Divn. No- III PWD B&R
32. XEN PWD Mech. Division.
33. XEN PWD Ho9rticulture Division.
34. Land Acquisition Officer PWD B& R
35. S.E BWS Circle No- I
36. S.E BWS Circle No- II
37. XEN Hisar W/S Division
38. XEN Adampur W/S Division.
39. XEN W/S Mech. Division.
40. S.E Construction Circle ( Irrigation ) Hisar
41. XEN Construction Division – 6
42. XEN Construction Division - 7
43. XEN Vigilance Divn. Irrigation.
44. XEN Ghaggar. Division.
45. XEN Sidhmukh Construction Division – 2
46. Inspector General of Police, Hisar Range.
47. District Manager. HAFED
48. District child Welfare Officer.
49. District Sports Officer.
50. Dy. Director Sports.
51. CEO Zila Parishade, Hisar/ Chairman Zila Parishad.
52. XEN Panchayati Raj.
53. Dy. Director Haryana Vety Vaccine Institute.
54. Divl. Employment Officer, HAU.
55. O.C No- 3 BN NCC Giri Centre, HAU
56. Voice Chancellor, HAU
57. Registrar, CCS HAU
58. President /EO/Secy Municipal Council.
59. DSP CID
60. Field Publicity Officer, 36 B & R Colony ( GO I )
61. Regisional Biogertilizer Dev Centre, ( GO I ) 149 Sector 15
62. Incharge . Quality Control Lab ( Agri. Deptt.)
63. Chief Engineer Radio Station ( GO I )
64. Estate Manager, Housing Board Haryana Hisar.
65. C.D.P.O – I Working Women Hostel.

BRANCHES OF D.C’s OFFICE
1. Superintendent.
2. Assistant Distt. Attorney.
3. Assistant Superintendent .
4. Steno to D.C
5. District Nazir.
6. P.L.A
7. Ligh.Migh.
8. Local Fund Br.
9. Misc. Branch.
10. Estt. Br.
11. Complaint & Enquiry
12. Copying Agency.
13. H.R.A
14. S.K.
15. D.R.A
16. Small Savings.
17. L.A.C
18. Dev.Br.
19. Resettlement Br.
20. Dy . Supdt. Panchayat Br.
21. Peshi Br.
22. ERK
23. L.O. Panchyat
24. N.T. ( S.A )
  

Tuesday 28 June 2011

इसे पीने के पहले सोच लेना, यह जूस नहीं हो सकता है जहर!

हैदराबाद सावधान! लौकी का जूस आपकी मौत का कारण बन सकता है। यह खुलासा कुछ एक्सपर्ट कमेटी ने जांच के बाद किया है। सीएसआइआर के वैज्ञानिक और डिप्टी सेक्रेटरी सुशील कुमार सक्सेना की मौत की जांच यह सोचने को मजबूर करती है कहीं इनकी मौत लौकी के कड़वे जूस पीने से तो नहीं हुई है। इसी तरह की कई मौत से अभी परदा उठना बाकी है।

आइसीएमआर से सब्जियों विशेषकर लौकी के जूस की जांच के लिए एक कमेटी बनाई और उसकी मीटिंग रविवार को नई दिल्ली में हुई।

एक टेलीविजन प्रोग्राम के दौरान बाबा ने मधुमेह और कई बीमारियों से निजात के लिए लौकी के जूस का सेवन करने की सलाह दी जिसके आधार पर वैज्ञानिक सक्सेना ने भी जूस पीना शुरू कर दिया। साथ ही करेला का जूस भी पी लिया। इसके बाद उन्हे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया जहां कोई इलाज होने से पहले ही इनकी मौत हो गई। इसी तरह ही दूसरी कई मौत भी हुई। कड़वे लौकी के जूस पीने से देश के कई हिस्सों से मौत की खबरें आने लगी। एक आइसीएमआर के वैज्ञानिक ने लौकी का कड़वा जूस नहीं पीने की सलाह दी है।

जो एक्सपर्ट कमेटी इसके लिए आईसीएमआर द्वारा बनाई गई थी वह सरकार को अपनी रिपोर्ट अगले महीने तक भेज देगी।

लौकी के जूस से लाभ या हानि पर रिर्सच करने वालों से भी सूचना एकत्रित किया जा रहा है। कमेटी के द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। लोगों को बताया जाएगा कि लौकी के कड़वे जूस से क्या हानि या कितना खतरनाक है?

एक आइसीएमआर के वैज्ञानिक के मुताबिक आगे भी लौकी के जूस पर रिसर्च चलता रहेगा। कुछ राष्ट्रीय लेबोरटरिज और विश्वविद्यालय भी आइसीएमआर की इसमे मदद कर रही हैं।

कई गुरू और आयुर्वेद के डॉक्टर लौकी के जूस की सलाह देते हैं। यह अक्सर सलाह दी जाती है कि लौकी के जूस से डायवटिज नियंत्रित रहता है।

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फॉर्मो की बिक्री ने तोड़ा रिकॉर्ड

गुड़गांव। डिग्री कॉलेजों में इस बार फॉर्म बिक्री का नया रिकॉर्ड बन गया है। पिछले साल तीनों डिग्री कॉलेजों में कुल मिलाकर तकरीबन 24 हजार फॉर्म बिके थे। जबकि इस बार यह संख्या साढ़े 24 हजार को पार कर गया है। जबकि अभी दो दिन और बाकी हैं। फॉर्म जमा कराने के लिए मात्र दो दिन बचे हैं और अभी 13 हजार फॉर्म जमा होने बाकी हैं। हालांकि अभी तक जमा हुए करीबन 11600 फॉर्मो के हिसाब से पिछले साल जमा हुए 15 हजार फॉर्मो के रिकॉर्ड टूटने की संभावना है।

मंगलवार को कॉलेजों ने पिछले साल के 24 हजार फॉर्म बेचने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। हालांकि इस बार कॉलेजों में सीट बढ़ने की जगह घटी हैं, लेकिन आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी है। इसका मुख्य कारण दिल्ली विश्वविद्यालय में कट ऑफ लिस्ट का बहुत ज्यादा होना है।

13 हजार फॉर्म जमा होने बाकी
कॉलेजों में दाखिला के लिए आवेदन फॉर्म भर कर जमा कराने के लिए मात्र दो दिन बचे हैं और अभी 13 हजार से ज्यादा आवेदन फॉर्म जमा होने बाकी हैं। कॉलेजों में एडमिशन फॉर्म बिक्री और जमा कराने का समय दिन में एक बजे तक निर्धारित किया गया है। इससे छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

मंगलवार की स्थिति
मंगलवार को तीनों कॉलेजों में कुल 1690 फॉर्म जमा हुए और 1149 फॉर्मो की बिक्री हुई। राजकीय महाविद्यालय सेक्टर 14 में कुल 502 फॉर्म जमा हुए जबकि 299 फॉर्म बिके। इसमें 160 फॉर्म आरक्षित श्रेणी और 133 फॉर्म सामान्य श्रेणी के थे। कॉलेज में अभी तक तकरीबन 8400 फॉर्मो की बिक्री हो चुकी है और 3550 फॉर्म जमा हुए हैं।

द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय में मंगलवार को 848 फॉर्म जमा हुए और 650 फॉर्म बिके। बिक्री वाले फॉर्मो में 400 फॉर्म आरक्षित और 250 फॉर्म सामान्य श्रेणी के थे। कॉलेज में अभी तक तकरीबन 11750 फॉर्मो की बिक्री हो चुकी है और 5300 फॉर्म जमा हुए हैं। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेक्टर नौ कॉलेज में 340 फॉर्म जमा हुए और 200 बिके। इनमें 120 फॉर्म आरक्षित और 80 फॉर्म सामान्य श्रेणी के थे। कॉलेज में अभी तक करीबन 4800 फॉर्मो की बिक्री हो चुकी है और 2850 फॉर्म जमा हुए हैं।

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जरा सी बारिश में पटरी से उतरीं शहर की सड़कें

गुड़गांव। हुडा सेक्टर की सड़कों का बुरा हाल है। बारिश होने के कारण इन जर्जर सड़कों की हालत और भी खराब हो गई है। सड़कों पर बने गड्ढों में पानी भरने के कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इस बाबत लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

दो दिनों की बारिश से हुडा सेक्टर 15-पार्ट टू की सड़कों की हालत और खस्ता हो गई है। सड़कों पर बने गड्ढों में बारिश का पानी भरने के कारण लोगों का पैदल चलना भी दूभर हो गया है। लोगों ने इसकी शिकायत हुडा अधिकारियों से भी की, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। लोगों का कहना है कि हुडा अधिकारी सड़कों की मरम्मत नहीं कर रहे हैं। सेक्टर वासी इन गड्ढों में रोड़े और मिट्टी डालकर किसी तरह काम चला रहे हैं। लोगों की शिकायत है कि हुडा प्रशासक को इस समस्या से कई बार अवगत कराने के बावजूद भी सड़कों की हालत नहीं सुधारी जा रही है।

शिकायतें दर्ज कराने के लिए वेबसाइट का प्रस्ताव: हुडा के प्रशासक नितिन यादव के अनुसार सेक्टरों की सड़कों की समस्या दूर करने के लिए वेबसाइट तैयार की जा रही है। इसपर सड़क, पेयजल, सीवर लाइन समेत सभी समस्याओं की शिकायत लोग कर सकते हैं। उन्होंने मुख्य प्रशासक पंचकूला को यह प्रस्ताव भेज दिया है।

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थोड़ी सी बारिश में शहर बन गया तालाब

फरीदाबाद। सोमवार रात और मंगलवार सुबह हुई महज 30 एमएम बारिश ने शहर को पानी-पानी कर दिया। बरसात के दौरान शहर की सड़कें झील में तब्दील हो गईं। बरसात से स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि मंगलवार शाम तक पानी की निकासी नहीं हो सकी। इस कारण लगभग पूरा शहर ठहर सा गया।

अधिकांश क्षेत्रों में लोगों को घरों से बाहर निकला मुश्किल हो गया। हल्की सी बारिश ने शहर में जलभराव की समस्या से निपटने के नगर निगम की ओर से किए गए दावों की पोल खोल दी है। गौरतलब है कि निगम के अधिकारियों ने दो दिन पहले ही दावा किया था कि मानसून में जलभराव की समस्या से शहर को नहीं जूझना पड़ेगा।

जगह-जगह जलभराव
बारिश से नेशनल हाइवे सहित शहर में जगह-जगह पानी भर गया था।वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सेक्टर 22, 23 और 24 सोहना से हार्डवेयर रोड को जाने वाली सड़क ने तालाब का रूप धारण कर लिया था। इसके अलावा नेहरू ग्राउंड, मेट्रो मोड़, बीके से नीलम व हाइवे से ग्रीन चैनल को जाने वाली सड़क पूरी तरह से जलमग्न हो गईं। सड़कों पर पानी इतना भर गया कि बच्चे इसमें अठखेलियां करते नजर आए।

एनआईटी के तहत आने वाली कॉलोनियों का भी यही हाल था। दूसरी तरफ बल्लभगढ़ चौक पर सोहना की तरफ जाने वाले फ्लाईओवर के पास पानी भरा होने के कारण आगरा से दिल्ली जाने वाले लोगों को जाम का सामना करना पड़ा। ऐसा ही हाल ओल्ड फरीदाबाद स्थित सेक्टरों व कॉलोनियों का रहा। सेक्टर-15 जैसे पॉश इलाके में भी पानी भर गया।

लोगों ने जलभराव से छुटकारा पाने के लिए मथुरा रोड का सहारा लिया, लेकिन कई जगह पानी इतना ज्यादा था कि वहां से भी वाहनों को गुजरने में काफी परेशानी हुई। नेशनल हाइवे के अजरौंदा, बाटा के पास, अजरौंदा फ्लाईओवर और बीके चौक पर जलभराव के कारण वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। निगम ने दो महीने के लिए ड्रेनेज व नालों की सफाई के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई थी, पर नाले अभी भी गंदगी से भरे हुए हैं।

नहीं दिखे निगम के पंप
नगर निगम ने दो दिन पहले लिखित में कहा था कि जिन इलाकों में जलभराव की समस्या ज्यादा है वहां पर 39 पंप रखे गए हैं। इससे बारिश के भरने वाले पानी को पंपों द्वारा निकालकर डिस्पोजल में डाला जाएगा, लेकिन ये पंप सेट कहीं नहीं दिखाई दिए।

लोगों की प्रतिक्रिया
सेक्टर 9 के केपी सिंह चौहान का कहना है कि नगर निगम हर बार दावे करता है, लेकिन समस्या पहले से भी बदतर होती जा रही है। बारिश के कारण घर से निकलना दूभर हो गया है। पूरे शहर में जलभराव के कारण हालात खराब हैं। केपी सिंह चौहान, सेक्टर-9

सेक्टर-23 निवासी अरुण कुमार का कहना है कि बारिश के बाद शहर की स्थिति भयावह हो गई है। अजरौंदा हार्डवेयर से अजरौंदा पहुंचने में ही डेढ़ घंटे लग गए। जगह-जगह पानी भर गया है। इतना जलभराव पहले कभी नहीं देखा है।

सेक्टर-29 निवसी हरीशचंद्र शर्मा का कहना है कि नेशनल हाइवे को भी बारिश ने जाम कर दिया था। शहर के हर सेक्टर और कॉलोनियों में जलभराव की समस्या थी। लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो गया।

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जमीनी विवाद में गायब हुआ अत्तर!

सिवानी मंडी। 27 दिन पहले घर से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हुए खापड़वास के अत्तर सिंह के अपहरण के मामले में पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। इस मामले को पुलिस अब जमीनी विवाद से जोड़कर देख रही है। गांव बालसमंद में 2 जून को अधजली हालत में मिले एक शव की जानकारी के बाद पुलिस की सारी कार्रवाई उसकी पहचान पर आकर टिक गई है।

अत्तर सिंह बालस्मंद रोड स्थित आर्यनगर में एमपीएचडब्लयू के पद पर कार्यरत था। जिस दिन अत्तर सिंह गायब हुआ था, उसके अगले दिन बालस्मंद क्षेत्र में एक अज्ञात व्यक्ति की अधजली लाश मिली थी। इस शव की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। अज्ञात व्यक्ति के अधजले शव को लेकर बालस्मंद पुलिस चौकी में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने इस शव की पहचान के लिए अत्तर सिंह के घरवालों को बुलाया है। सिवानी पुलिस ने भी बालसमंद जाकर वहां पुलिस अधिकारियों से बातचीत की है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही अत्तर सिंह का पता चल जाएगा।

गांव खापड़वास के अत्तर सिंह एक जून को रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हुआ था। 25 दिनों बाद पुलिस ने इस मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट को अपहरण के मामले में तबदील कर जांच शुरू की थी। पुलिस पहले अत्तर सिंह के बच्चों दीपक और ज्योति के बयानो पर उसकी पत्नी बबीता पर शक जता रही थी। हालही में चल रही पुलिस कार्रवाई में पूरे मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है।

पुलिस को आशंका है कि कहीं यह शव अत्तर सिंह का न हो चूंकि उसके लापता हो जाने के बाद उसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता चला था। बालसमंद चौकी इंचार्ज ने फोन पर बताया कि दो जून को अधजली अवस्था में उन्हें एक लाश बालसमंद क्षेत्र में मिली थी। इसकी पहचान के लिए सिवानी से अपहृत हुए अत्तर सिंह के घरवालों को बुलाया गया है।

मकान की तलाशी में मिला पांच लाख रुपए का चेक
पहले गुमशुदगी और उसके बाद अपहरण के मामले में पिछले काफी समय से हाथ पांव मार रही सिवानी पुलिस भी अब इस पूरे मामले को जमीनी विवाद से जोड़कर देख रही है। अत्तर सिंह के भाई मा. प्रकाश चंद्र के अनुसार अत्तर सिंह की गांव में 2 एकड़ 7 कनाल जमीन थी, जिसे उसने धारणवास के लोगों को बेचा था।

उन्होंने बताया कि अत्तर सिंह के मकान से तलाशी के दौरान 5 लाख रुपए का एक चेक भी मिला है, जिसमें अत्तर सिंह का नाम तो नहीं था लेकिन नीचे किसी विनोद नाम के व्यक्ति के हस्ताक्षर थे। इस चेक पर हस्ताक्षर के अलावा 29 अगस्त 2011 तारीख भी लिखी हुई थी।

उन्होंने आशंका जताई है कि अत्तर सिंह के अपहरण के पीछे जमीन की खरीद फरोख्त का मामला भी हो सकता है। इसे लेकर 2 दिन पहले 15 गांवों की एक पंचायत भी तोशाम में हुई थी, जिसमें जमीन की खरीद फरोख्त का यह मामला जोर शोर से उठा था। इस मामले को सुलझाने के लिए पंचायत ने 5 दिनों का अल्टीमेटम भी प्रशासन को दिया था।

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