Friday 19 August 2011

अब तीन गरारी की चारा मशीन में नहीं कटेगा हाथ!


हिसार. चारा काटते समय किसान परिवारों में होने वाली सर्वाधिक अंग भंग की दुर्घटनाओं को अब रोका जा सकेगा। जिले के गांव आर्यनगर के किसान सुमेर सिंह की छोटी बेटी रेणुका डांगी ने चारा काटने की मशीन का ऐसा मॉडल बनाया है, जो आपात स्थिति में अपने आप बंद हो जाएगी।

इस मॉडल को दिल्ली में राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में उत्तरी भारत में दूसरे स्थान के लिए चयनित किया गया है। इसके लिए रेणुका को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने दस हजार रुपए का नगद पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। गांव के ही स्कूल में दसवीं की छात्रा रेणुका बताती हैं कि करीब एक साल पहले पिता का ही कोई परिचित घर पर आया था, जिसका एक हाथ कटा हुआ था।

बाद में पापा ने बताया था कि चारा काटते वक्त उसका हाथ कटा था। तभी से दिमाग में यह बात चल रही थी कि चारा काटने के लिए ऐसी मशीन होनी चाहिए, जिससे इस तरह किसानों को अंग न गंवाने पड़े। इसी को ध्यान में रख उन्होंने ऐसी मशीन का मॉडल बनाया जो न केवल हादसों को रोकने में सक्षम है, साथ ही गेहूं पीसने जैसे अन्य घरेलू कार्य में भी करेगा। साइंस अध्यापिका रीटा देवी और प्रयोगशाला सहायक सुरेश सोनी की मदद से इस मॉडल को तैयार करने में उसे एक सप्ताह लगा। यह मॉडल राज्य स्तर पर भी पहला पुरस्कार प्राप्त कर चुका है।

हिसार के नौ छात्र सम्मानित

जिला विज्ञान विशेषज्ञ पूर्णिमा गुप्ता बताती हैं कि दिल्ली के प्रगति मैदान में हुई इन्स्पायर योजना की पहली प्रतियोगिता में देश भर से 714 मॉडल प्रदर्शित किए गए। इसमें देश को छह जोन में विभाजित कर 45 प्रतिभागियों को अवार्ड के लिए चयनित किया गया। उत्तरी भारत में पहले दो स्थानों पर हरियाणा का कब्जा रहा। इसमें रेणुका के मॉडल ने ओवरआल दूसरा स्थान प्राप्त किया। रेणुका को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सम्मानित किया।

इस प्रतियोगिता में हिसार मंडल से नौ बच्चों ने भाग लिया था। इन्हें मंत्रालय ने ढाई-ढाई हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले अन्य प्रतिभागियों में नंगथला गांव से नीरज कुमार, उकलाना से खुशबू, किरतान से संजू, जहाजपुल स्कूल से नवीन, ओपी जिंदल स्कूल से आयुषी यादव, सेंट कबीर स्कूल से तेजस्वी, ढंढूर गांव से संदीप और सिरसा से रितांशु शामिल थे।

ऐसे काम करती है चारा काटने की मशीन

रेणुका बताती हैं कि आमतौर पर चारा काटने की मशीन में दो गरारी लगी होती है। इसलिए चारा काटते वक्त चारे को हाथ से धकेलना पड़ता है। लेकिन उन्होंने इस मशीन में तीन गरारी लगाई है। तीसरी गरारी अपने आप चारे को आगे सरका देती है। इसके साथ ही मशीन में एक अलार्म फिट किया गया है।

अगर चारा काटते वक्त किसान का हाथ मशीन में आने लगता है तो उसमें लगाए गए सेंसर से सिग्नल पाकर यह अलार्म बज उठता है और बिजली कट हो जाती है। इससे मशीन अपने आप बंद हो जाएगी और हाथ कटने जैसी दुर्घटना को रोका जा सकेगा। इसके साथ ही चारा काटने की इस मशीन के साथ चक्की भी लगाई गई है जिसमें चारा काटते समय पिसाई भी साथ साथ किया जा सकता है।

इंस्पायर योजना के तहत राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। इसमें अवार्ड जीतना जिले के लिए गौरव की बात है। इससे प्रेरणा लेकर अन्य प्रतिभाएं भी निखर कर सामने आएंगे।""
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ट्रेन के आगे कूद युवक युवती ने की खुदकुशी


बरवाला/हिसार. आईटीआई पास 21 साल के एक युवक और 16 साल की लड़की के शव गुरुवार सुबह रेलवे ट्रैक पर मिले। शवों के पास ही टूटे हुए दो मोबाइल और साइकिल पड़ा मिला।

घटना बरवाला के पास गांव दौलतपुर की है। शवों की हालत देख लगता है कि दोनों ने ट्रेन से कटकर खुदकुशी की है। लड़का साहू गांव का संजय और लड़की नया गांव की किरण थी। लड़की की कुछ समय पहले ही सगाई हुई थी। ग्रामीणों के मुताबिक दोनों के प्रेम संबंध थे।

दौलतपुर स्टेशन के पास ढाणी में रहने वाले एक व्यक्ति ने सुबह करीब सात बजे दोनों के शव देखे और राजकीय रेलवे पुलिस को सूचना दी। वहां मिले मोबाइल सिम के जरिये ही पुलिस ने लड़के की शिनाख्त की। दोनों दलित समुदाय से संबंध रखते थे। मृतक संजय के पिता फूल सिंह ने बताया कि संजय ने टोहाना से आईटीआई पास की थी। 6 महीने से खेती बाड़ी के काम में हाथ बंटाता था।

किरण के पिता रामनिवास का ननिहाल साहू में है। अक्सर किरण साहू आती थी। लेकिन दोनों परिवारों को कभी यह अहसास नहीं हुआ कि दोनों को आपस में प्यार है। फूल सिंह ने बताया कि बुधवार रात करीब 11 बजे तक संजय घर पर था। उसके बाद मैं सोने के लिए चला गया और संजय अपने भाई के साथ छत पर सो गया। सुबह उठ कर देखा तो संजय घर पर नहीं था और साइकिल भी गायब थी। सोचा संजय साइकिल लेकर खेत में गया होगा। सुबह करीब साढ़े सात बजे पुलिस का फोन आया और घटना के बारे में सूचना दी। संजय के परिवार में उसका छोटा भाई और बहन, माता-पिता हैं।

कुछ दिन पहले हुई थी लड़की की सगाई

ग्रामीणों के मुताबिक साहू में ही संजय और किरण की करीब दो साल पहले मुलाकात हुई थी। धीरे-धीरे दोनों के बीच प्रेम हो गया। आठवीं पास किरण अपने पिता के साथ बरवाला में कपड़े सिलाई का कार्य करती थी। किरण के घरवालों ने कुछ दिन पहले ही उसकी सगाई की थी। शायद सगाई के चलते दोनों ने ऐसा कदम उठाया है। लड़की के घरवालों का कहना है कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता।
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जाट आरक्षण आंदोलन का फैसला 13 को मय्यड़ रैली में


हिसार. जाट समुदाय को आरक्षण देने की मांग पर गुरुवार को अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने प्रदर्शन किया।

समिति ने अपनी मांगों का ज्ञापन जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सामाजिक न्याय मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम भेजा है। इससे पहले समिति के सदस्य क्रांतिमान पार्क से होते हुए लघु सचिवालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें पूरी न होने पर 13 सितंबर को मय्यड़ रैली में आंदोलन का फैसला सुनाएंगे।

समिति के प्रदेश महासचिव महेंद्र सिंह पूनिया ने कहा कि जाट समाज सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा हुआ है। उसे पिछड़ी जाति में शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए समाज ने पिछले दिनों संघर्ष किया था और केंद्र व राज्य सरकार ने जाट समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के लिए छह महीने का समय मांगा था।

उन्होंने कहा कि तीन मई को केंद्र ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का पुनरावलोकन का अधिकार दे दिया था। दूसरी तरफ राज्य आयोग का गठन होने के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्हांेने कहा कि इसके बाद से दोनों सरकारें मौन हैं। जबकि समाज की आरक्षण की मांग जल्द पूरी होनी चाहिए।

समिति के जिला अध्यक्ष दलजीत पंघाल ने कहा कि सरकार द्वारा उनकी मांग को पूरा करने का समय 13 सितंबर को पूरा हो जाएगा। अगर समय रहते उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे दोबारा आंदोलन करेंगे। इस बार आंदोलन की रणनीति समिति 13 सितंबर को मय्यड़ की रैली में बताएंगे। अगर इससे पहले सरकार कोई प्रतिक्रिया देती है तो समिति इस पर विचार करेगी। महेंद्र भगाणा, राजीव सहरावत, हवासिंह, जोगेंद्र, राजबीर, बलबीर, सूरजभान, कृष्ण पंघाल, सरदारा व अनेक लोग मौजूद थे।
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एटीएम तोड़ने का शातिराना अंदाज लेकिन अपने ही जाल में फंसा बेचारा


हिसार. एक तरफ अन्ना हजारे के समर्थन में सैकड़ों नौजवान सड़कों पर हैं मगर दूसरी तरफ हिसार के एक लड़के ने बुधवार रात एक ही सड़क पर लगे दो एटीएम तोड़ दिए। उसका मकसद रुपए निकलना था। वह पकड़ में तो नहीं आया मगर दोनों मशीनों में लगे सीसीटीवी कैमरों ने उसे कैद कर लिया। दैनिक भास्कर के पास दोनों वारदातों के सीसीटीवी फुटेज हैं।

फुटेज से यह साफ हो गया है कि कैंप रोड स्थित स्टेट बैंक के यह दोनों एटीएम एक ही लड़के ने तोड़े हैं। दोनों केबिनों में वो पूरी तैयारी से गया था। एटीएम में घुसते ही उसने सबसे पहले बल्ब निकालकर अंधेरा कर दिया। इस दौरान उसने छुपने की कोशिश तो की मगर कैमरे के सामने उसका चेहरा आ गया। शायद पहली कोशिश नाकाम होने पर उसने ठीक बगल में दूसरे एटीएम में सेंध मारने की कोशिश की। सेंधमारी के लिए उसने पूरी तैयारी की। इस बात की पुष्टि उसके टार्च से होती है, जो कि सीसीटीवी फुटेज में मौजूद है।

एटीएम एक में प्रवेश

पीली टीशर्ट पहने यह युवक बैंक के एटीएम नंबर एक में ठीक 11 बजकर 48 मिनट पर प्रवेश करता है। वह काली पैंट और चप्पल पहने हुए है और उसके कंधे पर स्पोर्ट्स किट जैसा बैग टंगा हुआ है। उम्र 18 से 21 साल के बीच है। युवक घुसते ही वह एटीएम किनारे से दुबक जाता है। वहीं कोने में वह किट बैग रख देता है।


एटीएम एक का बल्ब उतारा

ठीक 11 बजकर 50 मिनट पर एटीएम मशीन के ठीक ऊपर लगे बल्ब को उतार देता है। 11 बजकर 51 मिनट पर वह एटीएम को तोड़ना शुरू करता है। युवक टार्च लेकर 1 बजकर 5 मिनट तक इसी एटीएम तोड़ने की कोशिश करता है।

एटीएम दो में मुंह पर टीशर्ट रखकर प्रवेश

इसके बाद वह ठीक 1 बजकर 9 मिनट पर एटीएम के दूसरे केबिन में मुंह पर टीशर्ट रखकर प्रवेश करता है। इसके बाद वह सीधे कोने में आकर खड़ा हो जाता है लेकिन यह प्रवेश एटीएम नंबर एक की तुलना में काफी तेजी से और मुंह झुका कर होता है। मुंह पर टीशर्ट होने के कारण युवक चेहरा भी साफ नहीं दिखाई देता।

20 सेकेंड में ही बुझा देता है बल्ब

एटीएम नंबर दो में युवक बमुश्किल से 20 सेकंड में केबिन के अंदर लगे ड्रॉप बॉस के ऊपर पैर रखकर बल्ब बुझा देता है। फिर केबिन में क्या हुआ कुछ नजर नहीं आता है। युवक बार-बार एटीएम के अंदर बाहर आ-जा रहा था। इससे युवक के अकेले होने की संभावना ज्यादा है।

एटीएम की थी पूरी जानकारी

यह अलग बात है कि एटीएम केबिन के बारे में उसे बखूबी जानकारी थी। इस बात की पुष्टि तब होती है जब वह युवक दूसरे एटीएम में मुंह पर कपड़ा लगाकर प्रवेश करता है,जबकि पहले एटीएम में उसने मुंह पर कपड़ा नहीं लगाया होता है। इसका मतलब यह कि एटीएम में लगाए सीसीटीवी के एंगिल की जानकारी थी

Thursday 18 August 2011

अन्ना नहीं ये आंधी है, देश का दूसरा गांधी है

गुड़गांव. ‘अन्ना नहीं ये आंधी है/ देश का दूसरा गांधी है/।’ अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल मुहिम में जनता के अपार समर्थन को देखते हुए तो यह पंक्ति धीरे-धीरे सच साबित होने लगी है। छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्गो तक हर कोई भ्रष्टाचार के विरोध में अन्ना के साथ खड़ा है।

बुधवार सुबह नौ बजे शहर के विभिन्न हिस्सों से हाथों में तिरंगा लिए जनसमूह अन्ना के पक्ष में नारे लगाते हुए मिनी सचिवालय की तरफ कूच किया। और इसके बाद मिनी सचिवालय पर कुछ इस तरह परवान चढ़ा अन्ना अभियान।

सुबह नौ बजे 

सुबह नौ बजे मिनी सचिवालय के बाहर स्वाभिमान ट्रस्ट, भाजपा, विश्व हिंदू परिषद, जिला बार एसोसिएशन द्वारा धरना स्थल बनाया गया। टेंट में माइक की व्यवस्था कर बैनर लगाए गए। कुछ झुंड में खड़े लोग आपस में चर्चा करते हुए धीरे-धीरे टेंट में एकजुट होने लगे।

सुबह साढ़े नौ बजे 

बार एसोसिएशन और स्वाभिमान ट्रस्ट के लोग अन्ना के समर्थन में और केंद्र सरकार के विरुद्घ नारा लगाना शुरू कर दिया। इस समय तक धरना स्थल पर महिलाएं भी जुट गईं। भाषणों और देशभक्ति गीतों का सिलसिला शुरू हो गया।

11 बजे

द्रोणाचार्य कॉलेज के छात्रों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों का दल अन्ना के पक्ष में नारे लगाते हुए एक विशाल जनसमूह में द्रोणाचार्य कॉलेज, डाकखाना चौक, सदर बाजार, राजीव चौक रोड होते हुए मिनी सचिवालय पहुंचा। गर्मजोशी के साथ छात्र और वहां धरने पर बैठे लोग केंद्र सरकार के विरुद्घ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान लोगों से लगातार शांति बनाए रखने और हिंसात्मक कार्य ना करने की अपील की जाने लगी।

11 बजकर 35 मिनट 

इनेलो कार्यकर्ताओं का विशाल जनसैलाब हाथों में तिरंगा थामे मिनी सचिवालय पहुंचे। वहां पर पहले से बैठे लोगों ने इनेलो कार्यकर्ताओं का स्वागत किया।

12 बजे 

सुबह साढ़े नौ बजे करीबन 100 आदमियों से शुरू हुआ धरना-प्रदर्शन में अब लोगों की संख्या करीबन डेढ़ हजार तक पहुंच गई। धीरे-धीरे अन्य जनसमूह शाम चार बजे तक मिनी सचिवालय पहुंचते रहे। देशभक्ति गीतों, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भाषण का सिलसिला शाम छह बजे तक जारी रहा और फिर यह धरना कैंडल मार्च में बदल गई।

बंद हुआ द्रोणाचार्य कॉलेज 

कॉलेज के छात्रों ने सुबह नौ बजे कॉलेज आते ही पहले पूरे कॉलेज को बंद कराकर सभी युवाओं से अन्ना हजारे की मुहिम में आने की अपील की। उसके बाद जुलूस निकालते हुए मिनी सचिवालय पहुंच गए। प्रदर्शन का नेतृत्व एबीवीपी के अजीत सिंह गुलिया, प्रियव्रत कटारिया, कॉलेज प्रधान पंकज रोहिल्ला, अजेश कटारिया, संदीप कटारिया, अमर कटारिया, चंद्रेश कटारिया, अमित चौहान, विकास यादव कर रहे थे।

विरोध का नया तरीका 

डाकखाना चौक से शुरू हुआ इनेलो के प्रदर्शन का तरीका अलग था। इनेलो कार्यकर्ताओं ने कांग्रेसी नेताओं के फोटो गधों पर सजाए हुए थे। इनेलो के विरोध प्रदर्शन को देखकर सदर बाजार में आए कुछ लोग भी जनसमूह में शामिल हो गए। यह जनसमूह भी मिनी सचिवालय पहुंचा। इसमें गोपीचंद गहलोत, अनिल राव, रमेश दहिया, कृष्ण यादव, सतबीर खटाना, सुशील सहरावत, सुरेंद्र ठाकरान, महेश चौहान, गजे सिंह कबलाना, एमआर शर्मा, दिनेश अग्रवाल, वैभव मल्होत्रा, सुनीता कटारिया आदि शामिल थे।

आईटीएम में भी अन्ना का समर्थन

आईटीएम में भी छात्रों ने अन्ना के पक्ष में जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों का समूह नारे लगाते हुए कॉलेज से अंसल प्लाजा मॉल तक और फिर वहां से कॉलेज तक वापस आया। प्रदर्शन में करीबन 300 छात्र शामिल थे।

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अन्ना के समर्थन में पूरा शहर सड़कों पर

फरीदाबाद. अन्ना हजारे के समर्थन में बुधवार को पूरा शहर सड़कों पर उतर आया। हर तरफ प्रदर्शन, रैली, जाम और कैंडल मार्च। इंकलाब जिंदाबाद, भ्रष्टाचार की जंग में हम तुम्हारे साथ हैं, देश को भ्रष्टाचार से आजादी दिलानी है जैसे नारों से पूरा दिन शहर गूंजता रहा। ‘अन्ना नहीं ये आंधी है’ के नारे लगाते हुए युवा सड़कों पर निकल पड़े। रैलियों और प्रदर्शनों से जगह-जगह जाम लगा रहा। अन्ना के समर्थकों की गिरफ्तारियां भी हुईं।

सड़कों पर उतरे छात्र 

भारतीय जनता युवा मोर्चा, युवा इनेलो, इनसो, एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने अन्ना के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन कर गिरफ्तारियां दीं। युवाओं का समूह नारेबाजी करते हुए मथुरा रोड तक गया, जहां उन्होंने हाइवे जाम करने की कोशिश की। इसकी सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पुलिस ने युवाओं को शांत करने की कोशिश की, लेकिन उनके गुस्से और जोश के आगे पुलिस की एक न चली। इसके बाद पुलिस ने छात्रों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।

छात्र नेता अमर सिंह दलाल ने इस अत्याचार के खिलाफ केंद्रीय गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा। मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अनूप चौधरी ने कहा कि सरकार की कार्यप्रणाली असंवैधानिक है। अनिल नरवत ने कहा कि जन लोकपाल को जल्द से जल्द से लागू किया जाए। इस मौके पर इनसो के प्रभारी जगत सौरोत, एबीवीपी के सह-संयोजक, गौरव ठाकुर, अरुण नरवत, सोनू ठाकुर, मोक्ष, मोहित ने कहा कि एबीवीपी के करीब 25 छात्रों ने गिरफ्तारियां दीं।

धरना-प्रदर्शन से जाम 

अन्ना के समर्थन में इनेलो कार्यकर्ताओं ने बादशाह खान चौक पर धरना देकर प्रदर्शन किया। इससे शहर के विभिन्न मार्गो पर जाम लग गया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व युवा इनेलो के जिलाध्यक्ष विकास चौधरी और शहरी अध्यक्ष नगेंद्र भड़ाना कर रहे थे। इनेलो कार्यकर्ताओं ने बादशाह खान चौक से लेकर नीलम चौक तक विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के चलते नीलम-बाटा रोड, हार्डवेयर, बीके रोड, रेलवे रोड, बीके केसी रोड पर जाम के हालात बने रहे। प्रदर्शन करने वालों में इनेलो के संजय डागर, अजय भड़ाना, विजयपाल तेवतिया, जीआर भड़ाना, संतोष शर्मा, लखन बेनीवाल, गौरव विरमानी, कमल नरौना, मंजीत धारीवाल, मोहन डागर आदि मौजूद थे।

अनशन पर डटे दुकानदार 

एसजीएम नगर शॉप कीपर वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने पटेल चौक पर अन्ना के जन लोकपाल बिल को लागू कराने के समर्थन में धरने पर बैठे। इनमें एसोसिएशन के चेयरमैन दयाचंद सैनी, संरक्षक अनोख सिंह, प्रधान सुरेंद्र दुग्गल व महासचिव सतीश सांगवान शाम पांच बजे तक अनशन पर बैठे। इसके अलावा धरने पर बैठने वाले कैप्टन सिरोही, सत्येंद्र शर्मा, आरडी व्यास, जयपाल चंदीला, राजीव मिश्रा, अतर सिंह, डॉ. कौशिक, बिजेंद्र शर्मा, मुकेश चौधरी, महेंद्र पाल, किशन सिंह सैनी समेत आम लोग भी धरने पर बैठे। इन्होंने कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आरपार की जंग छेड़ चुके हैं। इस जंग में देश की जनता उनके साथ है।

वकील बैठे भूख हड़ताल पर 

बार एसोसिएशन की तरफ से बुधवार को अन्ना हजारे के समर्थन में नौ वकील अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए। इससे पहले कोर्ट परिसर में वकीलों ने जमकर नारेबाजी की। उन्होंने सशक्त जन लोकपाल को पास करने की मांग की।

भूख हड़ताल पर बैठने वाले वकीलों में एसोसिएशन के पूर्व वरिष्ठ उपप्रधान शिवदत्त वशिष्ठ, सुखराम जाखड़, हमबीर सिंह भड़ाना, आरपी नाहर, राजकुमार भाटी, रमेश शर्मा, भागीरथ शर्मा, शशि मिश्रा, उदयबीर सिंह नागर थे। इस मौके पर सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ किया गया। वकीलों ने प्रतिज्ञा ली कि जब तक केंद्र सरकार लोकपाल बिल संसद में पास नहीं करती तब तक जिला बार एसोसिएशन के वकील हड़ताल पर रहेंगे।

भाकपा ने निकाला जुलूस 

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, अखिल भारतीय नौजवान सभा एवं अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ व प्रभावी जन लोकपाल पेश करने के लिए विशाल जुलूस निकाला। इसका नेतृत्व संगठन प्रमुख नेता दर्शन सिंह, बेचू गिरि, नारायण प्रसाद, तरसेम सिंह, आरएन सिंह, नौजवान नेता, दिनेश सिंह, अरुण सिंह, बिसंभर सिंह, मदन लाल खत्री व मिट्ठू लाल यादव ने किया। कार्यकर्ता व आम लोगों ने शामिल होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके अलावा भाजपा का भी पूरे दिन नीलम चौक पर अन्ना के समर्थन में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

आंदोलन के समर्थन में पदयात्रा

संजय कॉलोनी सेक्टर-23 मार्केट के लोगों ने सेक्टर-22, 23 में रवि सोनी एवं संजीव कुमार के नेतृत्व में पदयात्रा निकाली। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने मार्केट को बंद रखा। उन्होंने कहा अन्ना हजारे भ्रष्टाचार को खत्म करने के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। अगर सरकार भ्रष्ट नहीं है तो वह इस आवाज को इस अलोकतांत्रिक ढंग से क्यों कुचल रही है। सोनी ने कहा कि पूरा देश अन्ना हजारे के साथ है। पदयात्रा 22 फुट रोड से होती हुई सेक्टर-23, 22 व 33 फुट रोड, सोहना रोड से होते हुए 22 फुट रोड पर आकर समाप्त हुई।

जनता की चेतावनी

जवाहर कॉलोनी स्थित नैन चौक से सभी संगठनों के कार्यकर्ता व आम लोगों ने एकजुट होकर कैंडल मार्च निकाला। मार्च नैन चौक से प्याली चौक तक निकाला गया। इसके अलावा क्षत्रिय एकता मंच व अन्य 16 संस्थाओं ने हजारों की संख्या में एकजुट होकर नंगला चौक से कैंडल मार्च निकाला। भारतीय जन सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र सिंह कीना के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी रैली निकाली गई। यह रैली सेक्टर-52 से चलकर संजय कॉलोनी, सेक्टर-22, 23, जवाहर कॉलोनी, बीके चौक, नीलम चौक, बाटा चौक से होते हुए हार्डवेयर चौक पर रैली का समापन किया गया।

भ्रष्टाचार से आजादी के लिए लड़ाई

ईस्ट इंडिया कॉलोनी सेक्टर-22 के लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ और हजारे के समर्थन में शांति पूर्वक कैंडल मार्च निकाला। लोगों का मुख्य नारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध भारत की आजादी की दूसरी लड़ाई था। यहां पर कॉलोनी के प्रधान गोविंद सिंह और शिव एवं माता वैष्णो देवी मंदिर संस्थान के प्रधान प्रमोद गिल, केवी चौधरी, राजेंद्र पोदार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इस जंग में विजयी होने के लिए प्रार्थना की।

कॉलोनी के किशन बारी ने कहा कि भ्रष्टाचार की लड़ाई में पूरा देश एकजुट है। अब भारत को भ्रष्टाचार से भी आजादी दिलानी होगी। एमपी नागर की अध्यक्षता में एंटी करप्शन फ्रंट की एक आपात बैठक में निर्णय लिया गया कि 19 अगस्त को अन्ना व जन लोकपाल के समर्थन में डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।

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पता लगाओ एक बुजुर्ग ने कैसे गांव को बनाया 'आदर्श'


रेवाड़ी/हिसार. समाजसेवी अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ आमजन की आवाज बन चुके हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक, गांवों की चौपाल से लेकर शहर के जिला सचिवालय तक इस 74 साल के बुजुर्ग की ही चर्चा है।

दूसरे शब्दों में कहे तो शहर ही नहीं अब पूरा जिला अन्ना की क्रांति के साथ उठ खड़ा हुआ है। खबर की खास बात यह है यहां के लोगों का अन्ना से आजकल का नहीं 13 साल से पुराना रिश्ता है।

सन 1998 में यहां के जिला प्रशासन ने डीआरडीए स्कीम के तहत 20 गांवों की पंचायतों और ग्राम सचिवों को अन्ना के गांव रालेगांव सिद्धी भेजा। यह घूमने वाला टूर नहीं था बल्कि एक खास मकसद का पता लगाने के लिए भेजा गया था कि एक 61 साल के बुजुर्ग ने कैसे सबसे पिछड़े हुए अपने गांव को आदर्श बना दिया।

पहाड़ों के पानी को छोटे छोटे बांध बनाकर अपने क्षेत्र के जल स्तर को ऊपर ला दिया। सालों से चली आ रही 20 शराब की भट्ठियों को बंद करवा गांव को पूरी तरह से शराबमुक्त करा दिया। इतना ही नहीं शिक्षा और स्वच्छता में भी इस गांव ने देखते ही देखते महाराष्ट्र में अपनी अलग पहचान बना ली।

किसानों का अपना बैंक कैसे काम करता है। आज तक यह शानदार व्यवस्था पूरी तरह से कायम है। जब यह पंचायतें अन्ना के गांव में दो दिन बिताने के बाद अपने घरों को लौटी तो अंदाज बदला हुआ था। नांगलमूंदी से विजय सिंह ने सबसे पहले युवाओं की टीम बनाईं।

अन्ना को आदर्श मानकर गांव में सफाई अभियान शुरू कर दिया। सड़कों के किनारे और पंचायती जमीन पर सैकड़ों की संख्या में पौधे लगाए। नतीजा गांव का चेहरा बदलता चला गया। देखते ही देखते 25 साल के इस युवा को ग्रामीणों ने कम उम्र में सरपंच की जिम्मेदारी सौंप दी।

ऐसी अनेक मिसालें अब अन्ना से जुड़ी यादों के साथ ताजा होने लगी है। गांव कव्वाली, खलियावास, औलांत, कव्वाली में भी अन्ना का असर आज भी कायम है। यहां के ग्रामीणों के लिए अन्ना आज भी आदर्श है इसलिए अन्ना से जुड़ी यादों को उन्होंने आज भी फोटो के सहारे एलबम में संजोकर रखा हुआ है, जबकि 13 साल पहले इस बुजुर्ग की पहचान एक दायरे तक थी।

इन पंचायतों ने अन्ना के रास्ते पर चलना चाहा लेकिन अन्ना के तरह के जुनून को कायम नहीं रख पाए लिहाजा जिले के गांवों में वाटर शैड स्कीम समेत अनेक योजनाएं इसलिए कामयाब नहीं हो पाई क्योंकि अन्ना जिस तरीके से काम करवाना चाहते थे उसमें अधिकारियों से लेकर पंचायत के कुछ सदस्यों को सेवा शुल्क के नाम पर कुछ नहीं मिल सकता था।

अन्ना ने यहां की पंचायतों को साफ कह दिया था कि अगर सच में गांवों की तस्वीर को बदलना चाहते है तो हर माह ग्राम सभा करो। सभा में लेखा जोखा प्रस्तुत करों, कहां गलती हुई और बेहतर हुआ, खुलकर अपनी बात कहो।

स्वाभाविक है कि हर माह होने वाली सभा होने का मतलब विकास कार्यो में खर्च होने वाली राशि को ईमानदारी से खर्च करना था। इसलिए पंचायतों में ग्राम सभाओं को कागजों में ही पूरा कर दिया जाता है। इसी तरह पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्राम पंचायतों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाली लाखों रुपए की ग्रांट का अधिकांश हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता चला गया।

ताजा रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन के रिकार्ड में जिले की 100 से ज्यादा पंचायतों के खिलाफ गबन के मामले चल रहे हैं। ऐसे में जनलोकपाल के बहाने ही सही अन्ना का रालेगांव सिद्धी एक बार फिर अन्ना की आवाज बनकर पंचायतों की चौपालों पर गूंजने लगा है।
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Monday 15 August 2011

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सीएम ने किया शहीदों को नमन

चंडीगढ़. मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 65वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं एवं बधाई दी है। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हुड्डा ने राष्ट्रीय पर्व की बेला पर सर्वप्रथम उन अमर शहीदों के चरणों में नमन किया, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।

अपने संदेश में उन्होंने कहा कि उन्हें यह कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि हरियाणा के वीरों ने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुतियां दी। उन्होंने कहा कि आज भी हरियाणा के वीर सैनिक देश की रक्षा सेवाओं में तैनात हैं, जोकि देशभक्ति और साहस की अटूट मिसाल है।

सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों के कल्याणार्थ अनेक योजनाएं क्रियान्वित की हैं। श्री हुड्डा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक सशक्त करने के लिए अनेक प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकार दिए गये हैं। गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य से हरियाणा राज्य आजीविका मिशन का गठन किया गया है।

सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन बैंकों के माध्यम से वितरित की जा रही है। आज हरियाणा की पहचान शिक्षा हब के रूप में हो रही है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि की उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं यह गौरव की बात है कि वर्ष 2010-11 के लिए गेहूं के उत्पादन और उत्पादकता में शानदार प्रदर्शन के लिए राज्य को सर्वश्रेष्ठ कृषि कर्मन पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

सरकार ने किसानों के हितों को प्राथमिकता दी है। भूमि अधिग्रहण नीति में संशोधन कर इसे और अधिक किसान हितैषी बनाया गया है। खेदड़, हिसार बिजली संयंत्र के लिए जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी, उन परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी गई है।

source:bhaskar.com

Thursday 11 August 2011

एचआईवी पीड़ित युवक को नौकरी पर बुलाया

हिसारएचआईवी पीड़ित युवक को आखिरकार दस दिन बाद अधिकारियों ने काम पर वापस बुला लिया है। पीड़ित युवक ने मंगलवार को अतिरिक्त उपायुक्त अशोक गर्ग से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई। जिस पर एडीसी ने युवक को मामले की जांच के लिए 18 अगस्त का समय दिया है।

मंगलवार को एडीसी ने एचआईवी पीड़ित युवक को उसे नौकरी से निकालने के मामले में जांच का भरोसा दिया। जांच 18 अगस्त को करवाई जाएगी। युवक ने बताया कि उसे काम पर बुलाने के लिए निगम गैस एजेंसी के मैनेजर का फोन आया था। अधिकारियों से इस बारे में बात हो चुकी है। वह बुधवार से काम पर जाएगा। उसके साथ डॉ. गुलशन, डॉ. संजय मुंझाल, बलजीत सिंह, अमित कुमार, जोगीराम, प्रदीप कुमार, अमित कुमार, डॉ. उषा सिंह कौशिक, गीता देवी, सचिन थे।

हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास निगम लिमिटेड के फार्म निदेशक पीके त्यागी ने बताया कि इस मामले में अधिकारियों से बातचीत की थी। अधिकारियों ने एचआईवी पीड़ित युवक को काम पर वापस लेने को कहा है। दूसरे युवक के बारे में अभी कोई निर्देश नहीं है।

एचआईवी पीड़ित युवक ने बताया कि उसे अपनी नौकरी को लेकर डर बना है। हालांकि आज उसे काम पर बुला लिया गया है, लेकिन अगले महीने 30 सितंबर को उसके निगम के साथ हुए अनुबंध का समय पूरा हो रहा है। ऐसे में उसे अनुबंध को आगे मंजूरी मिलने में संशय नजर आ रहा है। उसके साथ नौकरी से निकाले गए जोगीराम को भी निगम ने काम पर नहीं बुलाया है।

source:-bhaskar.com

Wednesday 10 August 2011

Metro 3 new route between Delhi and Haryana

New Delhi. Centre National Capital Region of Haryana State by giving the go-ahead three-awaited metro project is the greatest gift. YMCA Chowk in Faridabad from Badarpur border under these projects, from Mundka from Bahadurgarh and Gurgaon to Dwarka via IGI Airport has been cleared for the construction of Metro.
The effect of the decision late Tuesday night, led by Finance Minister Pranab Mukherjee has been made by a group of three ministers. Mukherjee, nearly a quarter hour meeting in North Block office of the Minister P. Chidambaram, the Haryana Chief Minister Bhupinder Singh Hooda, Urban Development Minister Kamal Nath, Delhi Chief Minister Sheila Dikshit and Delhi Metro Rail Corporation, E. Sreedharan, chairman of the present was.
After the meeting, Chief Minister Bhupinder Singh Hooda told Reuters that the panel of the YMCA Chowk in Faridabad from Badarpur border to have approved the extension of Delhi Metro. The line will be completed by 2014. Mundka Bahadurgarh as well as the expansion of the Metro has also been cleared and entered in the third phase of Metro expansion.
Hooda said Mundka - Bahadurgarh the expansion of the metro's detailed project report. 11 kilometers of the road six kilometers long and five kilometers of the Delhi in Haryana. The phase of 1633 crore will be started soon.
Haryana Chief Minister said that while the Dwarka metro line between Indira Gandhi International Airport, the construction of the proposal has been cleared. The detailed project GoM Report (DPR) is called for. The three projects together will bear the costs of Haryana and Central Government.The state government was trying to projects in the past five years.

source:-bhaskar.com

Tuesday 2 August 2011

मिर्चपुर मामला : 97 आरोपियों की सजा पर फैसला 20 को

नई दिल्ली हरियाणा के बहुचर्चित मिर्चपुर प्रकरण में फैसले की घड़ी नजदीक आ गई है। इस मामले की सुनवाई कर रही रोहिणी की विशेष अदालत मामले के 97 आरोपियों की सजा पर अपना फैसला 20 अगस्त को सुनाएगी। मंगलवार को बचाव पक्ष की ओर से अपनी खंडन दलीलें विशेष अदालत के समक्ष रखी गइर्ं। इसमें उनकी तरफ से कहा गया कि अभियोजन पक्ष इस मामले को आरोपियों के विरुद्ध प्रत्यक्ष तौर पर साबित नहीं कर पाया है। असली आरोपी छोड़ दिए गए। यह एक सामुदायिक विवाद था न कि कोई जातिगत विवाद।

रोहिणी जिला अदालत की विशेष न्यायाधीश डॉ. कामिनी लॉ के समक्ष बचाव पक्ष के वकील बीएस राणा ने मौखिक और लिखित दलीलें अदालत के समक्ष दीं। मामले की सुनवाई की शुरुआत में मृतक ताराचंद की पत्नी कमला के आंखों की जांच रिपोर्ट अदालत में पेश की गई। एम्स के तीन सदस्यीय डॉक्टरों के पैनल ने कमला की आंखों की जांच की है। इस सीलबंद रिपोर्ट को न्यायाधीश ने खुद खोला। रिपोर्ट के मुताबिक कमला की आंखें ठीक हैं और उसकी आंखें सामान्य तौर पर ठीक काम कर रही हैं। बचाव पक्ष का आरोप था कि कमला को एक आंख से कम दिखाई देता है।

इस आरोप के बाद अदालत ने एम्स के डाक्टरों को कमला की आंख जांच कर रिपोर्ट अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था। बचाव पक्ष अपनी जिरह की शुरुआत करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण कानून के तहत इस मामले को घटनाक्रम के रूप में जोड़ नहीं सकी है जबकि इस कानून के तहत घटना का क्रम में होना जरूरी है। अभियोजन पक्ष के कुछ गवाहों ने भी अपने बयानों में यह बात कही है कि राजेंद्र द्वारा वाल्मीकियों को दूध देना बंद कर दिया गया था। इस वजह से इस विवाद ने जन्म लिया।


आरोपियों द्वारा वाल्मीकियों को जातिसूचक शब्द और गालियां दिए जाने की बात भी सिर्फ कमला और प्रदीप ने अपनी गवाही में कही है जबकि किसी और गवाह ने यह बातें नहीं कही हैं।राणा ने आगे कहा कि अभियोजन पक्ष ने कोई स्वतंत्र गवाह भी कोर्ट में पेश नहीं किया। ताराचंद के मरने से पूर्व दिए गए बयान से भी यह साबित नहीं होता कि उन्हें तेल डालकर जलाकर मारा गया था या फिर घर में लगी आग की वजह से वह जले थे। इन आरोपियों के पास से एक भी हथियार बरामद नहीं हुआ है। राणा का कहना था कि आरोपियों के विरुद्ध अभियोजन पक्ष की बातें न तो फॉरेंसिक रिपोर्ट और न गवाहों के बयानों से साबित होती है। अगर अदालत कमला और प्रदीप के बयान को मानती है तो ही यह मामला हत्या का बनता है। अब अभियोजन पक्ष की तरफ से अपनी लिखित खंडन दलीलें अदालत में रखी जाएंगी। हालांकि न्यायाधीश ने इस मामले में 20 अगस्त को अपना फैसला सुनाने की बात साफ कर दी है।

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तकनीकी शिक्षा पर खर्च होंगे 171 करोड़ : हुड्डा

फरीदाबाद. वाईएमसीए यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह में प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बेहतर उच्च व तकनीकी शिक्षा के साथ रिसर्च की व्यवस्था विश्वस्तरीय बनाने का संकल्प दोहराया है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर छात्र फूले नहीं समा रहे थे। दोनों ने छात्रों की हौसला अफजाई की।

राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य समाज की उन्नति होनी चाहिए। छात्रों का ज्ञान समाज के काम आ सके, इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है। इसके पूर्व बीटेक और एमटेक के विभिन्न संकायों के छात्रों के बीच डिग्री वितरित की गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में रिसर्च के साथ तकनीकी और उच्च शिक्षा विश्व कोटि की होगी। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है। उन्हें आगे चलकर समाज व देश के लिए बेहतर काम करना है।

इसके पूर्व राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने कल्पना चावला गर्ल्स हॉस्टल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस टीचिंग ब्लॉक का उद्घाटन किया। सभा को वाइस चांसलर मोहिंदर कुमार ने भी संबोधित किया। इस मौके पर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह, पंडित शिवचरण लाल शर्मा, सांसद अवतार भड़ाना, मुख्य संसदीय सचिव शारदा राठौर, जलेब खां, विधायक आनंद कौशिक, रघुवीर तेवतिया सहित कई लोग मौजूद थे।

596 संस्थान खुलेंगे

तकनीकी शिक्षा में प्रदेश सरकार ने 171 करोड़ खर्च किए जाने की योजना तैयार की है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि शीघ्र ही 596 शिक्षण संस्थान खुलने वाले हैं। इसमें औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, एमबीए, एमसीए, बी फार्मा, पॉलीटेक्नीक शामिल हैं। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय को शीघ्र ही मूर्तरूप दिया जा रहा है। दो प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को डीम्ड यूनिवर्सिटी और वाईएमसीए को यूनिवर्सिटी के दर्जे से छात्रों को लाभ मिला है। शहर में 5 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भी खोले जा रहे हैं।

गोल्ड मेडल से नवाजे गए

बेहतरीन प्रदर्शन के लिए एकता सचदेवा को गोल्ड मेडल से नवाजा गया। उन्हें पुरस्कार स्वरूप 51 हजार की राशि प्रदान की गई। मेघा भाटिया को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए 51 हजार की राशि दी गई। इसके अलावे अन्य संकाय के छात्रों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।


दानीपुर गांव जहां बन रहा है बाबा रामदेव का मंदिर

कुरुक्षेत्र समय के साथ-साथ इंसान की निष्ठा कैसे बदलती है, इसका उदाहरण दानीपुर गांव के जसविंद्र हैं। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को कुलदेवी और सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कुलदेवता मानने वाले जसविंद्र ने अब इन दोनों के स्थान पर बाबा रामदेव का मंदिर बनाने की ठानी है। यही नहीं इसके लिए उन्होंने बीस बाई बीस फुट का मंदिर भी बनवा लिया है। बकौल जसविंद्र बाबा रामदेव आम आदमी की आवाज हैं। वे किसी से अन्याय नहीं करते बल्कि आम आदमी के साथ अन्याय हो रहा हो तो अन्याय खिलाफ आवाज बुलंद करते हैं, जबकि दूसरे ऐसे नहीं है। मैंने पहले अपनी आंखों पर गलत लोगों के नाम का चश्मा पहन लिया था, जिसके कारण मैं सोनिया गांधी व भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मूर्तियों को मंदिर में स्थापित किया और सुबह शाम उनकी पूजा की।

दीपावली पर जलाए दीएं और होली पर बिखेरा रंग :

दानीपुर के जसविंद्र ने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी व हरियाणा के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए दीपावली के मौके पर दीएं भी जलाए और होली पर रंग भी बिखेरा। यही नहीं जसविंद्र के परिजन भी लगातार यहां पूजा करते रहे, हालांकि लोग उन पर हंसे भी, लेकिन उन्होंने कभी इसकी परवाह नहीं की।

29 अक्टूबर 2008 को उन्होंने भास्कर संवाददाता से कहा था कि वे मई 2009 में सोनिया और हुड्डा की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं, वे अपने खेत में सोनिया गांधी की 51 फीट की प्रतिमा स्थापित करेंगे और इसका अनावरण भी सोनिया गांधी से ही कराएंगे। उस समय जसविंद्र ने कहा था कि जिन्हें हमने देखा नहीं जब हम उनकी पूजा कर सकते हैं तो फिर हम जीती जागती देवी देवता की पूजा अर्चना क्यों न करें।


इसलिए थी सोनिया व हुड्डा में आस्था

जसविंद्र की सोनिया गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा में इसलिए आस्था थी क्योंकि इन दोनों ने गरीब किसानों की जिंदगी बदल दी, उन्होंने कहा था कि मैं खुद एक किसान हूं, इसलिए मुझे पूरा भरोसा है कि वे मेरी भी जिंदगी बदल देंगे लेकिन ऐसा हो न सका।

इस तरह बदला मन :

कांग्रेस पर विरोधी खेमे की ओर से लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप और बाबा रामदेव पर हमले के बाद जसविंद्र का मन बदल गया। बकौल जसविंद्र मैं, जिसकी पूजा करता हूं, उसके कार्यकाल में ऐसे कैसे हो सकता है, मेरा मन बाबा रामदेव पर हमले के बाद बिल्कुल ही बदल गया, कारण ये है कि मैं बाबा से सन 2002 से जुड़ा हूं और उन्होंने देश के लाखों लोगों को न केवल योग सिखाया बल्कि स्वस्थ रहने के तरीके भी बताए।

मैं निजी रूप से ये मानता हूं कि सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा अच्छे आदमी हैं लेकिन अब मेरी पटरी मेल नहीं खाएगी, इसलिए मैंने अब वहां से दोनों की मूर्तियां हटा दी हैं और उनके स्थान पर बाबा रामदेव का मंदिर बनाने जा रहा हूं।

source:-bhaskar.com

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