Friday 19 August 2011

जाट आरक्षण आंदोलन का फैसला 13 को मय्यड़ रैली में


हिसार. जाट समुदाय को आरक्षण देने की मांग पर गुरुवार को अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने प्रदर्शन किया।

समिति ने अपनी मांगों का ज्ञापन जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सामाजिक न्याय मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम भेजा है। इससे पहले समिति के सदस्य क्रांतिमान पार्क से होते हुए लघु सचिवालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें पूरी न होने पर 13 सितंबर को मय्यड़ रैली में आंदोलन का फैसला सुनाएंगे।

समिति के प्रदेश महासचिव महेंद्र सिंह पूनिया ने कहा कि जाट समाज सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा हुआ है। उसे पिछड़ी जाति में शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए समाज ने पिछले दिनों संघर्ष किया था और केंद्र व राज्य सरकार ने जाट समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के लिए छह महीने का समय मांगा था।

उन्होंने कहा कि तीन मई को केंद्र ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का पुनरावलोकन का अधिकार दे दिया था। दूसरी तरफ राज्य आयोग का गठन होने के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्हांेने कहा कि इसके बाद से दोनों सरकारें मौन हैं। जबकि समाज की आरक्षण की मांग जल्द पूरी होनी चाहिए।

समिति के जिला अध्यक्ष दलजीत पंघाल ने कहा कि सरकार द्वारा उनकी मांग को पूरा करने का समय 13 सितंबर को पूरा हो जाएगा। अगर समय रहते उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे दोबारा आंदोलन करेंगे। इस बार आंदोलन की रणनीति समिति 13 सितंबर को मय्यड़ की रैली में बताएंगे। अगर इससे पहले सरकार कोई प्रतिक्रिया देती है तो समिति इस पर विचार करेगी। महेंद्र भगाणा, राजीव सहरावत, हवासिंह, जोगेंद्र, राजबीर, बलबीर, सूरजभान, कृष्ण पंघाल, सरदारा व अनेक लोग मौजूद थे।
source:-bhaskar.com

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