Tuesday 28 June 2011

इसे पीने के पहले सोच लेना, यह जूस नहीं हो सकता है जहर!

हैदराबाद सावधान! लौकी का जूस आपकी मौत का कारण बन सकता है। यह खुलासा कुछ एक्सपर्ट कमेटी ने जांच के बाद किया है। सीएसआइआर के वैज्ञानिक और डिप्टी सेक्रेटरी सुशील कुमार सक्सेना की मौत की जांच यह सोचने को मजबूर करती है कहीं इनकी मौत लौकी के कड़वे जूस पीने से तो नहीं हुई है। इसी तरह की कई मौत से अभी परदा उठना बाकी है।

आइसीएमआर से सब्जियों विशेषकर लौकी के जूस की जांच के लिए एक कमेटी बनाई और उसकी मीटिंग रविवार को नई दिल्ली में हुई।

एक टेलीविजन प्रोग्राम के दौरान बाबा ने मधुमेह और कई बीमारियों से निजात के लिए लौकी के जूस का सेवन करने की सलाह दी जिसके आधार पर वैज्ञानिक सक्सेना ने भी जूस पीना शुरू कर दिया। साथ ही करेला का जूस भी पी लिया। इसके बाद उन्हे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया जहां कोई इलाज होने से पहले ही इनकी मौत हो गई। इसी तरह ही दूसरी कई मौत भी हुई। कड़वे लौकी के जूस पीने से देश के कई हिस्सों से मौत की खबरें आने लगी। एक आइसीएमआर के वैज्ञानिक ने लौकी का कड़वा जूस नहीं पीने की सलाह दी है।

जो एक्सपर्ट कमेटी इसके लिए आईसीएमआर द्वारा बनाई गई थी वह सरकार को अपनी रिपोर्ट अगले महीने तक भेज देगी।

लौकी के जूस से लाभ या हानि पर रिर्सच करने वालों से भी सूचना एकत्रित किया जा रहा है। कमेटी के द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। लोगों को बताया जाएगा कि लौकी के कड़वे जूस से क्या हानि या कितना खतरनाक है?

एक आइसीएमआर के वैज्ञानिक के मुताबिक आगे भी लौकी के जूस पर रिसर्च चलता रहेगा। कुछ राष्ट्रीय लेबोरटरिज और विश्वविद्यालय भी आइसीएमआर की इसमे मदद कर रही हैं।

कई गुरू और आयुर्वेद के डॉक्टर लौकी के जूस की सलाह देते हैं। यह अक्सर सलाह दी जाती है कि लौकी के जूस से डायवटिज नियंत्रित रहता है।

source:-bhaskar.com

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