Monday 27 June 2011

ऑटो हड़ताल से रहे बेहाल

फरीदाबाद. स्पीड गवर्नर न लगवाने वाले वाहनों की पासिंग रोकने व डीजल के दाम बढ़ाने के विरोध में सोमवार को ऑटो चालक एक दिन की हड़ताल पर रहे। इस कारण शहर में ऑटो नहीं चले, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस दौरान भारतीय किसान मजदूर मोर्चा व ऑटो यूनियन प्रधान वासदेव अहेरिया के नेतृत्व में मांगों को लेकर ऑटो वालों ने डीसी के नाम सीटीएम को ज्ञापन भी दिया।

हड़ताल के कारण नगर निगम और लघु सचिवालय सूने रहे 

हड़ताल के कारण शहर भर में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था बिगड़ी रही और लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। सोमवार को खचाखच भरा रहने वाला नगर निगम मुख्यालय और लघु सचिवालय खाली पड़ा रहा। ऑटो नहीं मिलने के कारण रेलवे स्टेशन पर लोगों की भारी भीड़ नÊार आई। शहर की लाइफ लाइन बन चुके ऑटो से हजारों की तादाद में नौकरी पेशा, स्टूडेंट्स व अन्य लोग सफर करते हैं।

पिछले दिनों ऑटो की स्पीड पर कंट्रोल करने व दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने को लेकर जिला प्रशासन ने ऑटो सहित अन्य कॉमर्शियल वाहनों के लिए स्पीड गवर्नर लगवाना अनिवार्य कर दिया। इसे न लगवाने वाले पर परमिट व पासिंग पर रोक लगा दी गई। पिछले दो महीने से बिना स्पीड गवर्नर वाले वाहनों की पासिंग नहीं की जा रही है।

इससे शहर के दस हजार से ज्यादा ऑटो के परमिट खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। इसके विरोध में ऑटो चालकों ने सोमवार को हड़ताल कर दी। उधर केंद्र सरकार ने डीजल के दाम बढ़ा दिए हैं। इस कारण ऑटो वालों ने किराए में वृद्धि की तो प्रशासन ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया।

इतना खर्च नहीं वहन कर सकते ऑटो वाले 

हरियाणा ऑटो रिक्शा यूनियन के प्रधान वासदेव अहेरिया का कहना है कि एक ऑटो में स्पीड गवर्नर लगाने पर दस हजार रुपए का खर्च आता है। जबकि परमिट जमा करने में एक दिन भी लेट होने पर 11 सौ रुपए का दंड शुल्क देना पड़ता है।

इसके अलावा 150 रुपए हर हफ्ते अतिरिक्त दंड शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। ऑटो चालक इतना वहन नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि किराए में वृद्धि को लेकर ही डीसी के नाम सीटीएम को ज्ञापन दिया गया है। अहेरिया ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो दोबारा ऑटो वालों को लंबी हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

रेलवे स्टेशन पर हलकान रहे यात्री 

रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतर कर ऑटो की तरफ मुड़े यात्रियों को हड़ताल के चलते हलकान होना पड़ा। ट्रांसपोर्ट व्यवस्था नहीं होने से उन्हें काफी समय स्टेशन के बाहर ही खड़े रहना पड़ा। आसपास के यात्रियों ने अपने जानने वालों को फोन कर वाहन का इंतजाम किया। जबकि कुछ यात्रियों को रिक्शे का सहारा लेना पड़ा।

रिक्शे वालों की रही मौज 

ऑटो चालकों की हड़ताल के चलते रिक्शे वालों की मौज रही। रेलवे स्टेशन व शहर की प्रमुख जगहों पर रिक्शे वालों ने सवारियों से मनमाना किराया वसूला। स्टेशन से डीएवी कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स असीम व दीपक के अनुसार ऑटो नहीं मिलने पर उन्हें रिक्शे के लिए 10 के बजाय 25 रुपए देने पड़े।

ऑटो की हड़ताल से काफी परेशानी झेलनी पड़ी। रिक्शे वाले भी काफी किराया मांग रहे थे। इस वजह से पैदल ही कॉलेज से आना-जाना पड़ा।""

अनुज गुप्ता, असावटी, पलवल

हड़ताल का पता नहीं था। अगर पता होता तो पहले ही इंतजाम कर लेता। स्टेशन पर उतर कर काफी समय व्यतीत करना पड़ा। अपने परिचित को बुलवाना पड़ा। हड़ताल के कारण काफी दिक्कत हुई।"

source:-bhaskar.com

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