सिवानी मंडी। 27 दिन पहले घर से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हुए खापड़वास के अत्तर सिंह के अपहरण के मामले में पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। इस मामले को पुलिस अब जमीनी विवाद से जोड़कर देख रही है। गांव बालसमंद में 2 जून को अधजली हालत में मिले एक शव की जानकारी के बाद पुलिस की सारी कार्रवाई उसकी पहचान पर आकर टिक गई है।
अत्तर सिंह बालस्मंद रोड स्थित आर्यनगर में एमपीएचडब्लयू के पद पर कार्यरत था। जिस दिन अत्तर सिंह गायब हुआ था, उसके अगले दिन बालस्मंद क्षेत्र में एक अज्ञात व्यक्ति की अधजली लाश मिली थी। इस शव की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। अज्ञात व्यक्ति के अधजले शव को लेकर बालस्मंद पुलिस चौकी में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने इस शव की पहचान के लिए अत्तर सिंह के घरवालों को बुलाया है। सिवानी पुलिस ने भी बालसमंद जाकर वहां पुलिस अधिकारियों से बातचीत की है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही अत्तर सिंह का पता चल जाएगा।
गांव खापड़वास के अत्तर सिंह एक जून को रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हुआ था। 25 दिनों बाद पुलिस ने इस मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट को अपहरण के मामले में तबदील कर जांच शुरू की थी। पुलिस पहले अत्तर सिंह के बच्चों दीपक और ज्योति के बयानो पर उसकी पत्नी बबीता पर शक जता रही थी। हालही में चल रही पुलिस कार्रवाई में पूरे मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है।
पुलिस को आशंका है कि कहीं यह शव अत्तर सिंह का न हो चूंकि उसके लापता हो जाने के बाद उसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता चला था। बालसमंद चौकी इंचार्ज ने फोन पर बताया कि दो जून को अधजली अवस्था में उन्हें एक लाश बालसमंद क्षेत्र में मिली थी। इसकी पहचान के लिए सिवानी से अपहृत हुए अत्तर सिंह के घरवालों को बुलाया गया है।
मकान की तलाशी में मिला पांच लाख रुपए का चेक
पहले गुमशुदगी और उसके बाद अपहरण के मामले में पिछले काफी समय से हाथ पांव मार रही सिवानी पुलिस भी अब इस पूरे मामले को जमीनी विवाद से जोड़कर देख रही है। अत्तर सिंह के भाई मा. प्रकाश चंद्र के अनुसार अत्तर सिंह की गांव में 2 एकड़ 7 कनाल जमीन थी, जिसे उसने धारणवास के लोगों को बेचा था।
उन्होंने बताया कि अत्तर सिंह के मकान से तलाशी के दौरान 5 लाख रुपए का एक चेक भी मिला है, जिसमें अत्तर सिंह का नाम तो नहीं था लेकिन नीचे किसी विनोद नाम के व्यक्ति के हस्ताक्षर थे। इस चेक पर हस्ताक्षर के अलावा 29 अगस्त 2011 तारीख भी लिखी हुई थी।
उन्होंने आशंका जताई है कि अत्तर सिंह के अपहरण के पीछे जमीन की खरीद फरोख्त का मामला भी हो सकता है। इसे लेकर 2 दिन पहले 15 गांवों की एक पंचायत भी तोशाम में हुई थी, जिसमें जमीन की खरीद फरोख्त का यह मामला जोर शोर से उठा था। इस मामले को सुलझाने के लिए पंचायत ने 5 दिनों का अल्टीमेटम भी प्रशासन को दिया था।
source:-bhaskar.com
अत्तर सिंह बालस्मंद रोड स्थित आर्यनगर में एमपीएचडब्लयू के पद पर कार्यरत था। जिस दिन अत्तर सिंह गायब हुआ था, उसके अगले दिन बालस्मंद क्षेत्र में एक अज्ञात व्यक्ति की अधजली लाश मिली थी। इस शव की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। अज्ञात व्यक्ति के अधजले शव को लेकर बालस्मंद पुलिस चौकी में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने इस शव की पहचान के लिए अत्तर सिंह के घरवालों को बुलाया है। सिवानी पुलिस ने भी बालसमंद जाकर वहां पुलिस अधिकारियों से बातचीत की है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही अत्तर सिंह का पता चल जाएगा।
गांव खापड़वास के अत्तर सिंह एक जून को रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हुआ था। 25 दिनों बाद पुलिस ने इस मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट को अपहरण के मामले में तबदील कर जांच शुरू की थी। पुलिस पहले अत्तर सिंह के बच्चों दीपक और ज्योति के बयानो पर उसकी पत्नी बबीता पर शक जता रही थी। हालही में चल रही पुलिस कार्रवाई में पूरे मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है।
पुलिस को आशंका है कि कहीं यह शव अत्तर सिंह का न हो चूंकि उसके लापता हो जाने के बाद उसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता चला था। बालसमंद चौकी इंचार्ज ने फोन पर बताया कि दो जून को अधजली अवस्था में उन्हें एक लाश बालसमंद क्षेत्र में मिली थी। इसकी पहचान के लिए सिवानी से अपहृत हुए अत्तर सिंह के घरवालों को बुलाया गया है।
मकान की तलाशी में मिला पांच लाख रुपए का चेक
पहले गुमशुदगी और उसके बाद अपहरण के मामले में पिछले काफी समय से हाथ पांव मार रही सिवानी पुलिस भी अब इस पूरे मामले को जमीनी विवाद से जोड़कर देख रही है। अत्तर सिंह के भाई मा. प्रकाश चंद्र के अनुसार अत्तर सिंह की गांव में 2 एकड़ 7 कनाल जमीन थी, जिसे उसने धारणवास के लोगों को बेचा था।
उन्होंने बताया कि अत्तर सिंह के मकान से तलाशी के दौरान 5 लाख रुपए का एक चेक भी मिला है, जिसमें अत्तर सिंह का नाम तो नहीं था लेकिन नीचे किसी विनोद नाम के व्यक्ति के हस्ताक्षर थे। इस चेक पर हस्ताक्षर के अलावा 29 अगस्त 2011 तारीख भी लिखी हुई थी।
उन्होंने आशंका जताई है कि अत्तर सिंह के अपहरण के पीछे जमीन की खरीद फरोख्त का मामला भी हो सकता है। इसे लेकर 2 दिन पहले 15 गांवों की एक पंचायत भी तोशाम में हुई थी, जिसमें जमीन की खरीद फरोख्त का यह मामला जोर शोर से उठा था। इस मामले को सुलझाने के लिए पंचायत ने 5 दिनों का अल्टीमेटम भी प्रशासन को दिया था।
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