यमुनानगर. प्रदेश में हो रही बरसात के कारण यमुना के कैचमेंट एरिया में यमुना का जलस्तर बुधवार सुबह 7 बजे बढ़ना शुरू हो गया। इसके साथ ही यमुना की सहायक नदी बाता का पानी भी यमुना में आ गया। इस वजह से यमुना में जलस्तर 18 हजार से बढ़ कर 1 लाख क्यूसिक हो गया है।
नदी के कैचमेंट एरिया से मिली जानकारी के मुताबिक जलस्तर का बढ़ना जारी है। बाढ़ के खतरे के कारण हथनीकुंड बैराज से नहरों को पानी की सप्लाई रोक दी गई है। शिवालिक की पहाड़ियों से निकलने वाली सोम, पथराला, उर्जनी नदियों व नागल ड्रेन में भी बाढ़ आ गई है।
नदी में डाल दिया पानी
जैसे ही यमुना नदी का 70 हजार क्यूसिक पानी क्रास करता है, तो यमुना नहर बंद कर दी जाती है। सारा पानी नदी में ही छोड़ दिया जाता है। इतना ही नहीं नदी में स्थित हाइडल भी बंद कर दिए गए हैं। जब तक पानी का स्तर 70 हजार से कम नहीं हो जाता। तब तक पानी नदी में ही छोड़ा जाएगा।
रात में और बढ़ सकता है पानी
हथनीकुंड में भले ही पानी का स्तर एक लाख क्यूसिक बना हो लेकिन आगे यह और ज्यादा हो सकता है। इसका कारण यमुना नदी में बिलासपुर से सोमनदी व चतंग नदी का पानी दादुपुर के पास मिलता है। इससे इस पानी को हथनीकुंड में रिकार्ड नहीं किया जाता। यमुना का यह जलस्तर पानीपत में रिकार्ड किया जाता है।
72 घंटे में पहुंच जाएगा दिल्ली
बाढ़ का यह पानी अगले 72 घंटों में दिल्ली पहुंच जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार रात में भी बारिश होने की संभावना है। इस कारण यमुना का जलस्तर और अधिक बढ़ सकता है और यमुनानगर, करनाल, पानीपत व सोनीपत में बाढ़ के आसार बन सकते हैं। हथनीकुंड बैराज के कंट्रोल रूम प्रवक्ता ने बताया कि पानी को लेकर हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
source:-bhaskar.com
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