Thursday 1 September 2011

ट्राइजेमिनल न्यूरोलेजिया : सलमान की तरह यहां भी कई बीमार

हिसार दबंग सलमान खान सर्जरी के लिए अमरीका रवाना। उनके दिमाग की दो नसों में शार्ट सर्किट हो गया है। बॉलीवुड के लिए भले ही यह बड़ी खबर है, मगर -डॉक्टरों का कहना है कि यह एक आम बीमारी है। ट्राइजेमिनल न्यूरोलेजिया, इसका चिकित्सीय नाम है। अकेले अपने हिसार में ही न्यूरो सर्जनों के पास रोजाना तीन से चार ऐसे मरीज पहुंचते हैं।

न्यूरो सर्जन कहते हैं कि इस बीमारी की खास वजह नहीं है। मगर इसका दर्द इतना तेज होता है कि कई बार मरीज मरने तक की ठान लेता है। इसे शॉक स्टेज कहते हैं। यह कुछ समय के लिए ही उठता है। मरीज के सिर और आधे चेहरे पर करंट के झटके जैसी पीड़ा होती है।

शहर के एक जाने माने आप्थोमोलॉजिस्ट भी इस शार्ट सर्किट से परेशान रहे हैं। सात साल पहले उन्हें इस तरह का तेज दर्द उठता था। बताते हैं कि जब कभी वो बीयर पीते थे, दर्द शुरू हो जाता था। उन्होंने डेंटल सर्जन को दिखाया। डेंटल सर्जन ने इसकी वजह दांतों को समझा। उनके दो दांत निकाल दिए गए। मगर आराम फिर भी नहीं मिला। आखिरकार उन्होंने खुद न्यूरोलॉजी की किताबें पढ़ीं। अब उनके समझ आया कि दरअसल वे ट्राइजेमिनल न्यूरोलेजिया के शिकार हैं। सर्जरी तो नहीं करवाई मगर दवा से काम चल गया।

न्यूरो सर्जन डॉ. आर कुमार ने बताया कि ट्राइजेमिनल न्यूरोलेजिया दिमाग की एक सामान्य बीमारी है। ऐसे केस उनके पास आते रहते हैं। दिमाग के पोन्स से एक ट्राइजेमिनल नर्व निकलती है। इस नर्व की जड़ पर किसी अन्य आट्री या नर्व का दबाव पड़ने से ट्राइजेमिनल नर्व कमजोर हो जाती है। इससे नसों में शार्ट सर्किट हो जाता है।

न्यूरो सर्जन डॉ. वीके गुप्ता का कहना है कि ट्राइजेमिनल न्यूरोलेजिया के मुख्य कारणों में इनमें वायरल इंफेक्शन, रसोली, खून की नाड़ी ट्राइजेमिनल नर्व के ऊपर नस का आना है।


सर्जरी है इसका स्थाई उपचार

न्यूरो सर्जन डॉ. आर कुमार ने बताया कि इस बीमारी में सर्जरी ही एकमात्र स्थाई उपचार है, लेकिन में एक प्रतिशत मरीज की जान का जोखिम होता है। सर्जरी के दौरान आपस में टकराने वाली नसों के बीच टैफ्लॉन प्लेजेट्स (टैफ्लॉन का छोटा सा टुकड़ा) रखते हैं। नसों में शार्ट सर्किट बंद हो जाता है। 80 प्रतिशत रोगियों का इलाज दवाओं से करते हैं। शेष का आरएफए (रेडियो फ्रिक्वेंसी अबलेÊान) तकनीक से इलाज किया जाता है। इस तकनीक में मरीज की नर्व पर इंजेक्शन लगाकर उसे जला दिया जाता है।
source:-bhaskar.com

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