बल्लभगढ़. हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी से यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। इस कारण फरीदाबाद क्षेत्र में भी यमुना नदी उफान पर है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि अभी स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। प्रशासन का दावा है कि बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। स्थिति पर नजर रखने के लिए सिंचाई विभाग ने अपने कर्मचारियों को तैनात भी कर दिया है।
दिल्ली की ओर से यमुना में लगभग एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है, जिससे खादर क्षेत्र के करीब डेढ़ दर्जन गांवों के लोगों को एक बार फिर से अपनी फसलों व जान-माल का भय सताने लगा है। गौरतलब है कि पिछले साल यमुना किनारे करीब डेढ़ दर्जन गांव बाढ़ में डूब गए थे।
यमुना नदी के किनारे स्थित गांव ददसिया,मोहना छांयसा, मोठूका, मंझावली, फज्जूपुरा, बेला, इमामुदीनपुर गुड़ासर, बागपुर और शाहजहांपुर समेत दो दर्जन से ज्यादा गांवों के किसान फसल को लेकर चिंतित हैं। इन गांवों के किसानों ने अपने खेतों में धान, बाजरा, ज्वार और अरहर की फसलें बोई हुई है। एसडीएम प्रदीप गोदारा का कहना है कि नदी का जलस्तर कुछ बढ़ने के कारण प्रशासन ने फिलहाल नदी में नाव चलाने पर पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा उनकी टीम ने क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा भी लिया है। इसके साथ साथ सभी गांवों के पटवारियों को किसी भी गंभीर स्थिति की तुरंत सूचना देने के आदेश दिए गए हैं।
सेशन जज ने की बैठक
फरीदाबाद. मानसून की दस्तक और यमुना नदी के बढ़ने वाले जलस्तर को लेकर जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अंतर्गत गठित आपदा कमेटी के चेयरमैन दर्शन सिंह ने जिला बार रूम में एक बैठक ली। बैठक में कमेटी के सदस्य मौजूद थे।
जिला न्यायाधीश ने कमेटी के सदस्यों को विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मानसून के बाद यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसके बाद दिल्ली व आसपास के जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा होने की संभावना बन गई है।
source:-bhaskar.com
दिल्ली की ओर से यमुना में लगभग एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है, जिससे खादर क्षेत्र के करीब डेढ़ दर्जन गांवों के लोगों को एक बार फिर से अपनी फसलों व जान-माल का भय सताने लगा है। गौरतलब है कि पिछले साल यमुना किनारे करीब डेढ़ दर्जन गांव बाढ़ में डूब गए थे।
यमुना नदी के किनारे स्थित गांव ददसिया,मोहना छांयसा, मोठूका, मंझावली, फज्जूपुरा, बेला, इमामुदीनपुर गुड़ासर, बागपुर और शाहजहांपुर समेत दो दर्जन से ज्यादा गांवों के किसान फसल को लेकर चिंतित हैं। इन गांवों के किसानों ने अपने खेतों में धान, बाजरा, ज्वार और अरहर की फसलें बोई हुई है। एसडीएम प्रदीप गोदारा का कहना है कि नदी का जलस्तर कुछ बढ़ने के कारण प्रशासन ने फिलहाल नदी में नाव चलाने पर पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा उनकी टीम ने क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा भी लिया है। इसके साथ साथ सभी गांवों के पटवारियों को किसी भी गंभीर स्थिति की तुरंत सूचना देने के आदेश दिए गए हैं।
सेशन जज ने की बैठक
फरीदाबाद. मानसून की दस्तक और यमुना नदी के बढ़ने वाले जलस्तर को लेकर जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अंतर्गत गठित आपदा कमेटी के चेयरमैन दर्शन सिंह ने जिला बार रूम में एक बैठक ली। बैठक में कमेटी के सदस्य मौजूद थे।
जिला न्यायाधीश ने कमेटी के सदस्यों को विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मानसून के बाद यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसके बाद दिल्ली व आसपास के जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा होने की संभावना बन गई है।
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