हांसी. इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के एक एसडीओ ने शुक्रवार को वो ‘कारनामा’ कर दिखाया, जिसकी अच्छे खासे अफसर भी हिम्मत नहीं जुटा पाते। उसने एसडीएम का हवाला देकर खुद ही गोसाई गेट पर दशकों पुरानी बस्ती उजाड़ने के आदेश जारी कर दिए। इतना ही नहीं एसडीएम को ‘झूठा’ ठहराने की कोशिश भी हुई। मनमानी करते हुए बिना कोर्ट के आदेशों के आठ मकानों को गिरा डाला।
ये सभी मकान गरीब व लाचार लोगों के हैं। इनके पास सिर ढकने के लिए जगह तक नहीं है। बाद में भंडा फूटने पर पुलिस ने भी एसडीओ को थाने में तलब कर फटकार लगाई है। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के एसडीओ ने सिटी थाना में अपने ही एक आर्डर की कॉपी दी जिसमें गोसाई गेट के नजदीक इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की जमीन पर बसी बस्ती में एक व्यक्ति बलवंत टेलर के मकान को अवैध निर्माण बताते हुए गिराने की बात कही गई थी।
पुलिस को दिए इस ऑर्डर में उपमंडल अधिकारी नागरिक से आदेश लिए जाने की बात भी कही गई है। एसडीओ ने पुलिस थाने में ये दस्ती पत्र देकर पुलिस बल को अपने साथ ले लिया। भारी पुलिस बल के साथ एसडीओ देवेद्र गक्खड़ बस्ती में पहुंचे तथा जेसीबी की मदद से एक के बाद एक आठ मकान ढहा दिए। इन तमाम मकानों में रहने वाले लोग मजदूरी पर गए हुए थे, जबकि मकान में बच्चे जरूर मौजूद थे।
रोते बिलखते बच्चों की अनदेखी कर उनके मकानों को ढहा दिया गया। जेसीबी जब साथ लगती ढेया बस्ती पर पहुंची तो वहां रहने वालों ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की टीम का खासा विरोध किया। तब तक स्थिति को भांपते हुए भारी पुलिस बल भी मौके पर पहुंच चुका था।
उस वक्त तक किसी ने भी एसडीओ के कथित आदेशों वाले पत्र को ध्यान से नहीं पढ़ा था। जब ये पत्र सिटी एसएचओ के सामने रखा गया तो उन्होंने तुरंत मामले को भांप लिया तथा पुलिस को वापिस बुला लिया गया। एसडीओ को भी थाने में तलब किया गया। इस पत्र में एक व्यक्ति पर अवैध कब्जे करने का आरोप लगाते हुए तुरंत प्रभाव से उसे हटाने की बात कह कर पुलिस बल मांगा गया था। एक व्यक्ति के एवज में पुलिस बल लेकर कई मकानों को गिरा दिए जाने से पुलिस भी खफा थी। इतना ही नहीं ड्यूटी मजिस्ट्रेट को भी साथ नहीं लिया गया।
पेड़ बचाने के लिए बच्चे ने की पौने घंटे जद्दोजहद
अपने घर और घर के अंदर लगे पेड़ को बचाने के लिए एक छोटे बच्चे ने करीब पौने घंटे तक पूरी ताकत के साथ मकान न गिराने की जद्दोजहद चली। ये बच्चा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों के सामने अड़ गया तथा डंडा लेकर जेसीबी को तोड़ने भी भागा। इतना ही नहीं पेड़ को बचाने के लिए वह उससे लिपट गया लेकिन उसे अलग कर पेड़ को गिरा दिया गया।
source:-bhaskar.com
ये सभी मकान गरीब व लाचार लोगों के हैं। इनके पास सिर ढकने के लिए जगह तक नहीं है। बाद में भंडा फूटने पर पुलिस ने भी एसडीओ को थाने में तलब कर फटकार लगाई है। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के एसडीओ ने सिटी थाना में अपने ही एक आर्डर की कॉपी दी जिसमें गोसाई गेट के नजदीक इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की जमीन पर बसी बस्ती में एक व्यक्ति बलवंत टेलर के मकान को अवैध निर्माण बताते हुए गिराने की बात कही गई थी।
पुलिस को दिए इस ऑर्डर में उपमंडल अधिकारी नागरिक से आदेश लिए जाने की बात भी कही गई है। एसडीओ ने पुलिस थाने में ये दस्ती पत्र देकर पुलिस बल को अपने साथ ले लिया। भारी पुलिस बल के साथ एसडीओ देवेद्र गक्खड़ बस्ती में पहुंचे तथा जेसीबी की मदद से एक के बाद एक आठ मकान ढहा दिए। इन तमाम मकानों में रहने वाले लोग मजदूरी पर गए हुए थे, जबकि मकान में बच्चे जरूर मौजूद थे।
रोते बिलखते बच्चों की अनदेखी कर उनके मकानों को ढहा दिया गया। जेसीबी जब साथ लगती ढेया बस्ती पर पहुंची तो वहां रहने वालों ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की टीम का खासा विरोध किया। तब तक स्थिति को भांपते हुए भारी पुलिस बल भी मौके पर पहुंच चुका था।
उस वक्त तक किसी ने भी एसडीओ के कथित आदेशों वाले पत्र को ध्यान से नहीं पढ़ा था। जब ये पत्र सिटी एसएचओ के सामने रखा गया तो उन्होंने तुरंत मामले को भांप लिया तथा पुलिस को वापिस बुला लिया गया। एसडीओ को भी थाने में तलब किया गया। इस पत्र में एक व्यक्ति पर अवैध कब्जे करने का आरोप लगाते हुए तुरंत प्रभाव से उसे हटाने की बात कह कर पुलिस बल मांगा गया था। एक व्यक्ति के एवज में पुलिस बल लेकर कई मकानों को गिरा दिए जाने से पुलिस भी खफा थी। इतना ही नहीं ड्यूटी मजिस्ट्रेट को भी साथ नहीं लिया गया।
पेड़ बचाने के लिए बच्चे ने की पौने घंटे जद्दोजहद
अपने घर और घर के अंदर लगे पेड़ को बचाने के लिए एक छोटे बच्चे ने करीब पौने घंटे तक पूरी ताकत के साथ मकान न गिराने की जद्दोजहद चली। ये बच्चा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों के सामने अड़ गया तथा डंडा लेकर जेसीबी को तोड़ने भी भागा। इतना ही नहीं पेड़ को बचाने के लिए वह उससे लिपट गया लेकिन उसे अलग कर पेड़ को गिरा दिया गया।
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