हांसी। महामंडलेश्वर साध्वी संतोषानंद सरस्वती लगातार 108 भागवत कथा करने जा रही है। ऐसा विश्व में पहली बार हो रहा है, जब कोई संत नॉन स्टॉप 108 भागवत कथा करेंगी।
इसका शुभारंभ सज्जनपुर धाम स्थित श्री शांति शक्तिपीठ आश्रम से 9 जुलाई को होगा। आश्रम के स्वामी महामंडलेश्वर महेशानंद सरस्वती कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
मंगलवार को आश्रम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए महेशानंद सरस्वती ने कहा कि साध्वी संतोषानंद सरस्वती ने 10 राज्यों में पूरे 2 वर्ष 25 दिनों तक भागवत कथा करने का संकल्प लिया है।
इसके पीछे उद्देश्य पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण को साक्षात श्रीकृष्ण स्वरूप माना गया है। भागवत का श्रवण तमाम दुखों का हरता है, अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है।
राष्ट्र की महिमा गौरवान्वित होती है तथा विश्व में शांति, ज्ञान और वैराग्य पुष्ट होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत में 18 हजार श्लोक शामिल है, जिनका वर्णन आदि अनंत है। कार्यक्रम के पहले दिन 9 जुलाई को काली देवी मंदिर से आश्रम तक कलश यात्रा निकाली जाएगी।
इस दौरान गंगाजल से भरे हुए 108 कलश स्थापित किए जाएंगे। ये कलश जहां भी भागवत कथा होगी वहां मौजूद रहेंगे। इसी आश्रम में 2007 में लक्ष चंडी महायज्ञ का आयोजन हुआ था।
source:-bhaskar.com
इसका शुभारंभ सज्जनपुर धाम स्थित श्री शांति शक्तिपीठ आश्रम से 9 जुलाई को होगा। आश्रम के स्वामी महामंडलेश्वर महेशानंद सरस्वती कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
मंगलवार को आश्रम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए महेशानंद सरस्वती ने कहा कि साध्वी संतोषानंद सरस्वती ने 10 राज्यों में पूरे 2 वर्ष 25 दिनों तक भागवत कथा करने का संकल्प लिया है।
इसके पीछे उद्देश्य पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण को साक्षात श्रीकृष्ण स्वरूप माना गया है। भागवत का श्रवण तमाम दुखों का हरता है, अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है।
राष्ट्र की महिमा गौरवान्वित होती है तथा विश्व में शांति, ज्ञान और वैराग्य पुष्ट होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत में 18 हजार श्लोक शामिल है, जिनका वर्णन आदि अनंत है। कार्यक्रम के पहले दिन 9 जुलाई को काली देवी मंदिर से आश्रम तक कलश यात्रा निकाली जाएगी।
इस दौरान गंगाजल से भरे हुए 108 कलश स्थापित किए जाएंगे। ये कलश जहां भी भागवत कथा होगी वहां मौजूद रहेंगे। इसी आश्रम में 2007 में लक्ष चंडी महायज्ञ का आयोजन हुआ था।
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